UP की सहकारी चीनी मिलों को डिजिटल सिस्टम से राहत, संसद में उठी पूर्वांचल के किसानों की आवाज
यूपी की चीनी मिलों को डिजिटल राहत, संसद में गूंजी किसानों की आवाज
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मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा सांसद श्रीमती संगीता यादव ने सहकारी क्षेत्र, चीनी मिलों और किसानों से जुड़े मुद्दों को मजबूती से उठाया। उन्होंने विशेष उल्लेख के तहत सरकार का ध्यान किसानों की समस्याओं और सहकारी चीनी मिलों की स्थिति पर दिलाया।
क्या कहा भाषण में
अपने भाषण की शुरुआत में उन्होंने माननीय उपसभापति का आभार जताया कि उन्हें यह विषय उठाने का अवसर मिला। संगीता यादव ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पिछले 5 वर्षों में सहकारी क्षेत्र, विशेषकर चीनी मिलों को सशक्त बनाने की दिशा में कई प्रभावी कदम उठाए गए हैं। 1100 से अधिक सहकारी चीनी मिलों को एथेनॉल उत्पादन से जोड़ा गया है और उन्हें वित्तीय सहायता भी दी गई है।
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डिजिटल सिस्टम से राहत
उन्होंने बताया कि ERP प्रणाली और डिजिटलीकरण के प्रयासों से किसानों की आय में वृद्धि हुई है और गन्ना मूल्य भुगतान की प्रक्रिया में पारदर्शिता आई है। हालांकि, उन्होंने सरकार से अपील की कि इस प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और सरल बनाया जाए। संगीता यादव ने खासतौर से पूर्वी उत्तर प्रदेश और उत्तर बिहार के उन क्षेत्रों का जिक्र किया जहां बड़ी संख्या में गन्ना उत्पादक किसान रहते हैं। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों की सहकारी चीनी मिलें संसाधनों की कमी, तकनीकी पिछड़ेपन और पूंजी निवेश की न्यूनता से जूझ रही हैं।
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ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी
उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि इन पिछड़े क्षेत्रों में सहकारी मिलों को आधुनिक बनाने, तकनीकी सहायता देने और निवेश बढ़ाने के लिए विशेष कदम उठाए जाएं। उनका कहना था कि इससे किसानों को सीधा लाभ मिलेगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। सांसद संगीता यादव का यह भाषण सहकारी क्षेत्र की समस्याओं को संसद में प्रभावी ढंग से उठाने वाला कदम माना जा रहा है, जिससे सरकार इन जरूरी मुद्दों पर ध्यान दे सके।
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हर्ष शर्मा उत्तर प्रदेश में सक्रिय एक युवा डिजिटल पत्रकार हैं। उन्होंने Inkhabar, Expose India और Times Bull जैसे प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट राइटिंग और सोशल मीडिया मैनेजमेंट में काम किया है। SEO फ्रेंडली लेखन और डिजिटल न्यूज प्रोडक्शन में अनुभव रखते हैं। वर्तमान में भारतीय बस्ती में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।