यूपी में EV गाड़ियां खरीदने वालों के लिए बड़ी खबर, सरकार की इस योजना का ले सकते हैं लाभ
EV Subsidy In UP: केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने देश में बिजली आधारित परिवहन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (PM E Drive) योजना’ के कार्यान्वयन के लिए भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इस योजना के लिए दो वर्षों की अवधि में 10,900 करोड़ रुपये का परिव्यय निर्धारित किया गया है.
यह भारत सरकार की एक नई पहल है, जिसके तहत मरीजों के आरामदायक परिवहन के लिए ई-एम्बुलेंस के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा. ई-एम्बुलेंस के प्रदर्शन और सुरक्षा मानकों को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय तथा अन्य संबंधित हितधारकों के परामर्श से तैयार किया जाएगा.
14,028 ई-बसों की खरीद के लिए 4,391 करोड़ रुपये
राज्य परिवहन निगमों (एसटीयू)/सार्वजनिक परिवहन एजेंसियों द्वारा 14,028 ई-बसों की खरीद के लिए 4,391 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान की गई है. 40 लाख से अधिक आबादी वाले नौ शहरों अर्थात् दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, सूरत, बैंगलोर, पुणे और हैदराबाद में मांग एकत्रीकरण का काम सीईएसएल द्वारा किया जाएगा. राज्यों के परामर्श से इंटरसिटी और अंतरराज्यीय ई-बसों को भी समर्थन दिया जाएगा. शहरों/राज्यों को बसें आवंटित करते समय, पहली वरीयता उन शहरों/ राज्यों को बसों को दी जाएगी, जिन्हें एमओआरटीएच वाहन स्क्रैपिंग योजना के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए अधिकृत स्क्रैपिंग केंद्रों (आरवीएसएफ) के माध्यम से पुरानी एसटीयू बसों को स्क्रैप करने के बाद खरीदा जा रहा है. ट्रक वायु प्रदूषण में सबसे ज्यादा योगदान देते हैं. इस योजना से देश में ई-ट्रकों के चलन को बढ़ावा मिलेगा.
ई-ट्रकों को प्रोत्साहित करने के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. इसके तहत, उन लोगों को प्रोत्साहन दिया जाएगा जिनके पास एमओआरटीएच द्वारा अनुमोदित वाहन स्क्रैपिंग केंद्रों (आरवीएसएफ) से स्क्रैपिंग प्रमाण पत्र होगा. यह योजना इलेक्ट्रिक वाहन सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन (EVपीसीएस) की स्थापना को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देकर EV खरीदारों की चिंता को दूर करती है. ये EVपीसीएस बड़े स्तर पर EV की पैठ वाले चयनित शहरों और चयनित राजमार्गों पर स्थापित किए जाएंगे. इस योजना में ई-4 डब्ल्यू के लिए 22,100 फास्ट चार्जर, ई-बसों के लिए 1800 फास्ट चार्जर और ई-2 डब्ल्यू/3 डब्ल्यू के लिए 48,400 फास्ट चार्जर लगाने का प्रस्ताव है. EV पीसीएस के लिए परिव्यय 2,000 करोड़ रुपये होगा.
देश में EV इकोसिस्टम में बढ़ोतरी को देखते हुए, हरित वाहनों को बढ़ावा देने के लिए नई और उभरती प्रौद्योगिकियों को ध्यान में रखते हुए एमएचआई की परीक्षण एजेंसियों का आधुनिकीकरण किया जाएगा. एमएचआई के तत्वावधान में 780 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ परीक्षण एजेंसियों के उन्नयन को मंजूरी दी गई है. यह योजना सार्वजनिक परिवहन के साधनों का समर्थन करके व्यापक आवागमन को बढ़ावा देती है.
EV आपूर्ति श्रृंखला की मजबूती को मिलेगा प्रोत्साहन
PM E Drive योजना का प्राथमिक उद्देश्य EV की खरीद के लिए अग्रिम प्रोत्साहन प्रदान करके EV को अपनाने में तेजी लाना है, साथ ही EV के लिए आवश्यक चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना को सुविधाजनक बनाना है. PM E Drive योजना का उद्देश्य परिवहन के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने और वायु की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए EV को बढ़ावा देना है. यह योजना एक कुशल, प्रतिस्पर्धी और सशक्त EV विनिर्माण उद्योग को बढ़ावा देती है, जिससे आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा मिलता है. ऐसा चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम (पीएमपी) को शामिल करके किया जाएगा जिससे घरेलू विनिर्माण और EV आपूर्ति श्रृंखला की मजबूती को प्रोत्साहन मिलता है.
भारत सरकार की यह पहल पर्यावरण प्रदूषण और ईंधन सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं को दूर करने के साथ-साथ टिकाऊ परिवहन समाधानों को बढ़ावा देने के लिहाज से अहम है. यह योजना अपने पीएमपी के साथ EV क्षेत्र और संबंधित आपूर्ति श्रृंखला में निवेश को बढ़ावा देगी. यह योजना मूल्य श्रृंखला के साथ-साथ महत्वपूर्ण रोजगार अवसर पैदा करेगी. विनिर्माण और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना के माध्यम से भी रोजगारों का सृजन होगा.