लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे पर 46 हजार पेड़ लगने से ऐसे मिलेगा लाभ
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बदल जाएगी एक्सप्रेसवे की तस्वीर
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कानपुर और लखनऊ एक्सप्रेसवे अन्य एक्सप्रेसवे से हरियाली के मामले में भी अलग होगा. अब इस ग्रीन फील्ड पर करीब करीब 46000 से अधिक पेड़ व्यवस्थित किए जाएंगे अब इसको लेकर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण तथा वन विभाग के साथ महत्वपूर्ण बैठक की गई है. अब इस कड़ी में वन विभाग बनी से लेकर आजाद चौक तक 46000 से भी अधिक पेड़ स्थापित किए जाएंगे.
जिसमें पेड़ों में पीपल, बास, पाकड़, बरगद जैसे वृक्ष लगाए जाएंगे जो पूरे एक्सप्रेसवे पर सफर करने वालों को बेहतर पर्यावरण उपलब्ध करवाएगा यात्रियों को बेहतर पर्यावरण उपलब्ध कराने के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया इस प्रोजेक्ट पर करोड़ों रुपए खर्च करने की गारंटी दे रही है. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण वन विभाग को भी जिम्मेदारी दे दी है जिसमें वह एक्सप्रेसवे के 45 किलोमीटर रूट पर पेड़ों का 5 साल तक देखभाल भी करेगा पेड़ों की सिंचाई के लिए छह सबमर्सिबल बनी से आजाद चौक के बीच लगाया जाएगा.
एनएचएआई ने वन विभाग से लगाए उम्मीद
इस बीच जगह-जगह पानी की टंकियां भी रखी जाएगी तथा सबर्सिबल को संचालित के लिए रूफ टॉप सोलर बैटरी चलित लगाए जाएंगे अब यही नहीं समझौते में वन विभाग सिंचाई के लिए वाहनों की व्यवस्था भी इन्हीं 7 करोड रुपए से भी किया जाएगा फिर टैंकरों से पानी भरकर सिंचाई करवाया जाएगा. आगे आपको बताते चलें की राजधानी लखनऊ से कानपुर के बीच निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे 6 लेन का है जिसमें ग्रीन फील्ड जो 45 किलोमीटर का है उसके बगल में कम से कम तीन से चार लेन की जगह और छोड़ी गई है.
अब इसी स्थान पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण पधारोपण करवायगा. अब इस स्थान पर प्राधिकरण ने बैरिकेडिंग भी करवा दिया है अफसर के अनुसार हर एक किलोमीटर पर लगभग लगभग 1022 पेड़ स्थापित किए जाएंगे पेड़ बड़े हो जाने के बाद भी यह स्थान किसी भी हिल स्टेशन से कम नहीं लगेगा क्योंकि अभय 45 किलोमीटर रूट के दोनों तरफ कंक्रीट का जंगल ना होकर हरियाली है. वन विभाग मौके पर कार्य को प्रारंभ कर देना चाहिए क्योंकि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने पूरा 45 किलोमीटर का पेंच बैरिकेडिंग करके दे दिया है लेकिन वन विभाग ने अभी तक पौधारोपण का काम नहीं प्रारंभ किया है.
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शम्भूनाथ गुप्ता पिछले 5 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता में हैं। 'मीडिया दस्तक' और 'बस्ती चेतना' जैसे प्लेटफॉर्म पर न्यूज़ और वीडियो एडिटिंग टीम में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। न्यूज़ प्रोडक्शन और डिजिटल कंटेंट निर्माण में गहरा अनुभव रखते हैं। वर्तमान में वे 'भारतीय बस्ती' की उत्तर प्रदेश टीम में कार्यरत हैं, जहां वे राज्य से जुड़ी खबरों की गंभीर और सटीक कवरेज में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।