यूपी में अब मैदान होने पर भी पास कराना पड़ेगा नक्शा! सरकार ने शुरू की तैयारी
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उत्तर प्रदेश सरकार ने एक अहम कदम उठाते हुए राज्य में स्थित स्कूलों के लिए एक नया दिशा.निर्देश जारी किया है। इसके तहत स्कूलों में छोटा खेल का मैदान होने के बावजूद अब उन्हें मान्यता प्राप्त करने के लिए नक्शा पास कराना होगा। यह कदम बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है।
बच्चों के विकास पर असर
शारीरिक शिक्षा और खेलों का बच्चों के समग्र विकास में महत्वपूर्ण स्थान है। शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने और मानसिक ताजगी के लिए खेल जरूरी होते हैं। हालांकि कई स्कूलों में खेल का मैदान पर्याप्त रूप से विकसित नहीं होता है, जो कि बच्चों के खेल.कूद के लिए महत्वपूर्ण होता है। इस स्थिति को सुधारने के लिए यूपी सरकार ने यह निर्णय लिया है कि सभी स्कूलों को खेल के मैदान के लिए नक्शा पास कराना अनिवार्य होगा चाहे वह मैदान छोटा ही क्यों न हो। यूपी सरकार शहरों में स्कूलों में छोटा खेल का मैदान होने पर भी नक्शा पास करने की तैयारी है। अभी इसके लिए 2000 वर्ग मीटर भूमि की अनिवार्यता है, इसे 1000 वर्ग मीटर करने की तैयारी है। देश के कुछ राज्यों में तो मात्र 40 वर्ग मीटर खेल का मैदान होने पर ही नक्शा पास किया जा रहा है। उच्च स्तर पर इसको लेकर प्रस्तुतीकरण हो चुका है। इसमें सहमति बनने के बाद जल्द ही भवन विकास उपविधि में इसका प्रावधान किया जाएगा। इसी तरह मौजूदा समय 12 से 30 मीटर चौड़ी सड़क पर ही स्कूलों के लिए नक्शा पास करने की सुविधा दी गई है। यह मानक भी बदलने की तैयारी है। नर्सरी व प्राइमरी के लिए नौ मीटर, हाईस्कूल के लिए 12 मीटर, डिग्री कॉलेज 18 मीटर और विश्वविद्यालय के लिए 24 मीटर सड़क पर नाक्शा पास करने की सुविधा दी जानी चाहिए। इसके आधार पर अब भवन विकास एवं निर्माण उपविधि में इसका प्रावधान किया जा रहा है।
यूपी सरकार ने शुरू की तैयारी
इस नई प्रक्रिया के तहत स्कूलों को अपने खेल के मैदान का नक्शा संबंधित विकास प्राधिकरण से पास कराना होगा। यह सुनिश्चित करेगा कि खेल के मैदान के लिए निर्धारित मानकों का पालन किया जा रहा है और वहां बच्चों के लिए खेल कूद की सुविधाएं सुरक्षित और उपयुक्त हैं। यदि स्कूल में पहले से ही खेल का मैदान हैए तो उसे पुनः मान्यता दिलाने के लिए भी नक्शा पास कराना होगा। शासन में पिछले दिनों प्रस्तावित उत्तर प्रदेश भवन निर्माण एवं विकास उपविधि का प्रस्तुतीकरण किया गया था। इसमें सुझाव दिया गया कि देश के अन्य राज्यों में छोटे-छोटे खेल के मैदान होने पर भी नक्शा पास किया जा रहा है। इसीलिए उत्तर प्रदेश में भी 1000 वर्ग मीटर भूमि होने पर भी नक्शा पास करने का प्रावधान किया जा रहा है। इससे स्कूल खोलने का रास्ता भी साफ हो जाएगा और केंद्रीय मानक का पाल भी हो जाएगा। प्रदेश में मौजूदा समय स्कूल व कॉलेज खोलने के लिए मानक अलग-अलग है। आंगनवाड़ी के लिए 250 वर्ग मीटर, नर्सरी स्कूल 500, वर्ग मीटर, प्राइमरी स्कूल 1000 वर्ग मीटर, हाईस्कूल, 2000 वर्ग मीटर, इंटर कॉलेज 4000 वर्ग मीटर में स्कूल खोलने का मानक है। केंद्र सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति के अनुसार उच्च प्राथमिक स्कूलों में 500 वर्ग मीटर और इंटर कॉलेजों में 1000 वर्ग मीटर भूमि पर खेल मैदान की अनिवार्यता कर दी गई है। उत्तर प्रदेश में पुराने मानक यानी इससे दोगुना भूमि होने पर ही नक्शा पास किया जा रहा है। इसके चलते शहरों में स्कूल नहीं खुल पा रहे हैं।