पूर्वोत्तर रेलवे ने दी नई सौगात, यूपी के 32 स्टेशनों से होकर गुजरेंगी ट्रेनें

उत्तर प्रदेश: पूर्वोत्तर रेलवे की नई योजना अब साकार होने वाली है. खलीलाबाद से बहराइच तक प्रस्तावित नई रेललाइन, जो बलरामपुर और श्रावस्ती से होकर गुजरेगी, अब तेज़ी से आकार ले रही है. यह नई परियोजना केवल एक साधारण रेलमार्ग नहीं है, बल्कि यह संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच जैसे जिलों के लिए सामाजिक और आर्थिक रूप से लाभदायक साबित होगी. 241.6 किलोमीटर लंबी यह रेल लाइन 1148 हेक्टेयर भूमि पर बिछाई जा रही है, और इससे न केवल लोगों का आवागमन आसान होगा, बल्कि रोजगार, पर्यटन, व्यापार और शिक्षा के क्षेत्र में भी परिवर्तन आएगा.
इस बड़ी परियोजना को 3 अलग-अलग चरणों में पूरा किया जाएगा. पहले चरण के अंतर्गत खलीलाबाद से बांसी तक लगभग 54.40 किलोमीटर लंबा रेल ट्रैक तैयार किया जा रहा है. इस कार्य की शुरुआत हो चुकी है और रेलवे प्रशासन ने इसे 2027 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा है. हालांकि प्रारंभ में इस कार्य को 2026 तक पूरा करने की योजना थी, लेकिन तकनीकी कारणों और प्रक्रिया में आई बाधाओं के कारण इसमें कुछ विलंब हुआ है. इस रेलवे लाइन पर कुल 32 स्टेशनों का निर्माण प्रस्तावित है. इनमें 4 जंक्शन, 16 क्रॉसिंग स्टेशन और 12 हाल्ट स्टेशन शामिल हैं. प्रस्तावित स्टेशनों में खलीलाबाद, बघौली बाजार, बखिरा, मेंहदावल, पसाई, खेसरहा, बांसी, रमवापुर दूबे, भागोभार, टिकरिया, डुमरियागंज, धनखरपुर, बंजरहा, चिरकुटिहा परिमनिहा, उतरौला, कपौवा शेरपुर, श्रीदत्तगंज, महेशबारी, खगई जोत, बलरामपुर, झारखंडी, हसुवाडोल, श्रावस्ती, इकौना, लक्ष्मणपुर, बिशुनपुर रामनगर, भिनगा, हरिहरपुर, धुंसवा बरडेहरा, आजातपुर और बहराइच प्रमुख हैं.
इन स्टेशनों से ग्रामीणों को शहरों से सीधा जुड़ाव मिलेगा, जिससे व्यापारिक गतिविधियां तेज होंगी और स्थानीय उत्पादों को बाहरी बाजार तक पहुँचाने में आसानी होगी. इस परियोजना में इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी विशेष ध्यान दिया गया है. कुल 2 विशाल पुल, 32 बड़े पुल और 86 छोटे पुलों के अलावा 9 ओवरब्रिज और 132 अंडरपासों को निर्मित किया जाएगा. यह आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर इस रूट को सुरक्षित और तेज़ बनाएगा, जिससे रेल यातायात बिना किसी परेशानी के संचालित हो सकेगा. साथ ही, बलरामपुर और झारखंडी स्टेशनों को जंक्शन का दर्जा मिलने से क्षेत्रीय रेल संपर्क और सशक्त होगा. यह रेल लाइन केवल यातायात सुविधा तक सीमित नहीं है. इस रूट के निर्मित होने से किसानों को अपनी उपज को मंडियों तक पहुँचाने में काफी आसान होगी, छात्रों को बेहतर शिक्षा संस्थानों तक पहुँचना सुविधाजनक बनेगा और दूर-दराज के गांवों में रहने वाले लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलने लगेंगी. आने वाले सालों में इस रेललाइन के आसपास छोटे-बड़े बाज़ार, स्टेशन हब और व्यावसायिक केंद्र निर्मित होने की भी संभावना है.