यूपी के इस कमिश्नरेट में दरोगाओं में बांटे जायेगे 3 करोड़ के मोबाइल, जांच करने के बदलेंगे तरीके
Uttar Pradesh Police
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आगरा पुलिस की कार्यशैली को और भी ज्यादा एडवांस बनाने के लिए अब नए कानून के तहत कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। जो नया कानून लागू हुआ है उसके अंतर्गत अब विवेचक को घटना स्थल पर जाकर उसका वीडियो और फोटो लेना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही इन्हें ई-साक्ष्य एप पर अपलोड भी करना होगा।
तैनात दरोगाओं को बांटे जायेंगे 3 करोड़ के मोबाइल
आरोपों से बचेगी पुलिस, डीसीपी ने दी जानकारी
एक बार साक्ष्य ऑनलाइन अपलोड होने के बाद उनमें किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं हो सकेगी। इसके अलावा, विवेचक चाहकर भी आरोपित पक्ष को कोई लाभ नहीं पहुंचा पाएगा। कोर्ट ने ऑनलाइन वीडियो भी दिखाया जा सकता है, जिससे पुलिस पर आरोप नहीं लगेंगे। मोबाइल और टैब खरीदने के लिए बजट स्वीकृत हो गया है। कौन सा मोबाइल ठीक रहेगा। यह देखा जा रहा है। पहले कुछ मोबाइल सेट पसंद किए जाएंगे। जो सेट बजट के अंदर होंगे उन्हें पुलिस आयुक्त को दिखाया जाएगा। जो मोबाइल तकनीक में सबसे बेहतर होगा उसे खरीदा जाएगा। नए कानून में कई प्रावधान किए गए हैं। इन प्रावधानों के चलते यूपी में भी पुलिस की जांच का स्टाइल बदलेगा। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 105 के तहत विवेचक को मौके पर पहुंचकर घटना स्थल के दृश्य का वीडियो बनाना होगा। फोटो लेने होंगे। उन्हें मौके से ही ई साक्ष्य एप पर अपलोड करना होगा। इसके लिए विवेचकों को सरकारी खर्चे पर मोबाइल दिए जा रहे हैं। कमिश्नरेट में तीन करोड़ का बजट आया है। 1683 मोबाइल और 139 टैब खरीदे जाएंगे। जो साक्ष्य एक बार ऑनलाइन अपलोड कर दिए जाएंगे उनसे किसी प्रकार की कोई छेड़छाड़ नहीं हो पाएगी। दूसरा विवेचक चाहकर भी आरोपित पक्ष को लाभ नहीं पहुंचा पाएगा। कोर्ट में न्यायाधीश ऑनलाइन घटना स्थल का वीडियो देख सकेंगे। बीएनएस की धारा 105 के तहत यह प्रावधान किया गया है। हाइटेक पुलिसिंग से कोर्ट में पुलिस का पक्ष मजबूत होगा। मौके से किस तरह साक्ष्य संकलन किया गया। इसका भी वीडियो बनाया जाएगा। डीसीपी मुख्यालय सय्यद अली अब्बास ने बताया कि पहले अधिवक्ता इस बात पर विवेचक को घेरते थे कि उसने नक्शा नजरी घटना स्थल पर नहीं बनाया। वह घटना स्थल पर ही नहीं गया था। पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होने से पुलिस का पक्ष मजबूत होगा।