UP में 15 लाख से अधिक शिक्षक की नौकरी खतरे में! 7 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा

UP में 15 लाख से अधिक शिक्षक की नौकरी खतरे में! 7 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा
UP में 15 लाख से अधिक शिक्षक की नौकरी खतरे में! 7 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा

बुधवार को उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक राष्ट्रीय नेतृत्व के आवाहन पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय के क्रम में देश के सेवारत शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य किए जाने के  आदेश मामलों को लेकर  शास्त्री चौक पर शिक्षकों ने प्रदर्शन कर धरना दिया। उसके बाद  जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री, मानव संसाधन मंत्री, केन्द्रीय शिक्षा मंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री आदि को 7 सूत्रीय ज्ञापन भेजा गया है। निर्णय लिया गया कि जनपद के सभी शिक्षक न्यायालय के आदेश के बाद उत्पन्न स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखेंगे

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टीईटी अनिवार्यता के खिलाफ जोरदार धरना प्रदर्शन


ज्ञापन सौंपने के बाद संघ जिलाध्यक्ष उदयशंकर शुक्ल ने कहा कि  केन्द्र सरकार, केन्द्रीय शिक्षा मंत्री आगे आकर इस समस्या का हल ढूढने का प्रयास करें अन्यथा देश के 15 लाख से अधिक शिक्षकों के समक्ष नौकरी का संकट उत्पन्न हो जायेगा। कहा कि ऐसा लगता है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष शिक्षकों का पक्ष प्रभावशाली ढंग से नहीं रखा गया। न्यायालय के समक्ष यदि विभागीय नियमावली और शासनादेश के पक्ष रखे गये होेते तो ऐसा आदेश न आता।  कहा कि इन सवालों को लेकर अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ के आवाहन पर 10 से 16 सितम्बर तक सम्पूर्ण देश में संगठन के पदाधिकारी धरना प्रदर्शन और ज्ञापन के माध्यम से प्रधानमंत्री, मानव संसाधन मंत्री, प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों, शिक्षा मंत्रियों से रचनात्मक सहयोग मांग रहे हैं।  इन्ही मांगों को लेकर प्रधानमंत्री, मानव संसाधन मंत्री, केन्द्रीय शिक्षा मंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को 7 सूत्रीय ज्ञापन भेजा गया है।


संघ के जिला मंत्री राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि बीएड, बी.पी.एड. उत्तीर्ण सेवारत शिक्षक, शिक्षिकायें, इण्टर मीडिया उत्तीर्ण सेवारत शिक्षक, शिक्षिकायें, मृतक आश्रित प्रशिक्षण मुक्त  शिक्षक, शिक्षिकायें स्नातक में 45 प्रतिशत से कम अंक पाने वाले सेवारत शिक्षक, शिक्षिकायें, टी.ई.टी. परीक्षा देेने के अर्ह ही नहीं है। ऐसे में निर्णय पर पुर्नविचार आवश्यक है। संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष महेश कुमार, अभय सिंह यादव, राजकुमार सिंह,  इन्द्रसेन मिश्र, शैल शुक्ल, सन्तोष शुक्ल, देवेन्द्र वर्मा, विजय प्रताप वर्मा, राम प्रकाश शुक्ल, रामभरत वर्मा, अरूण कुमार, अटेवा के तौव्वाब अली, वृजेन्द्र पटेल ने कहा कि सेवा नियमावली के अनुसार यथा समय नियुक्त शिक्षक, शिक्षिकाओं को टी.ई.टी. से मुक्त रखा जाय।

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ज्ञापन देने वालों में  मुख्य रूप से रक्षा राम वर्मा, सतीश शंकर शुक्ल, रीता शुक्ला, अरविन्द कुमार पाण्डेय, नरेन्द्र कुमार द्विवेदी, प्रणव मिश्रा, अविनाश मिश्रा, शुभम मिश्रा, चन्द्र मिश्रा ,सन्तोष शुक्ल, नरेन्द्र पाण्डेय, मुक्तिनाथ वर्मा, राजेन्द्र मौर्या, भरतराम, रामपाल चौधरी, विजय कन्नौजिया, रामपति कन्नौजिया, चन्द्रभान चौरसिया, कन्हैयालाल भारती,  विनय कुमार, त्रिलोकी नाथ, जितेन्द्र बहादुर, रवीन्द्र नाथ, राजीव पाण्डेय, पीयूष मौर्या ,अरविन्द कुमार ,अनिल कुमार सिंह, संतोष कुमार ,अभिषेक जायसवाल,मिथलेश मिश्रा, गुरूलाल, पाटेश्वरी निषाद, दिवाकर सिंह,  अभिषेक  उपाध्याय, अनूप सिंह, विनोद यादव, बृजेश कुमार पाण्डेय, बुद्धिराम यादव, अरविन्द यादव, मो0 सलाम, राजेश पाठक, योगेश्वर प्रसाद शुक्ला, सुशील कुमार, राजेश कुमार चौधरी, ओंकार उपाध्याय, विनोद कुमार गौतम

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कन्हैयालाल भारती, अनिल कुमार , मारूफ खान,  शालिनी त्रिपाठी, सुनीता वर्मा, रीता श्रीवास्तव, अवध नरायन शुक्ल, प्रणव मिश्र,  अभिषेक रंजन श्रीवास्तव, राकेश कुमार गौतम, रेखा चौधरी, सुजीत कुमार, शोभाराम वर्मा, शिखा  श्रीवास्तव, माधवी, ज्वाला प्रसाद, किरन चौधरी, रूसीला दिवाकर, वंदना पाण्डेय, स्नेहा शुक्ला, रेखा चौधरी, अल्पना श्रीवास्तव, गजाला खातून, राधा कन्नौजिया, वीनू लता, रविन्द्रनाथ वर्मा, रीतिमा तिवारी, अल्पना मिश्र, रेनू लता, अंशू सिंह, रघुवर दयाल, शालिनी, अनुराधा पाण्डेय, राघेवेन्द्र प्रताप पाण्डेय, सचिन शुक्ल, आदित्य प्रकाश, उमाशंकर तिवारी, योगेन्द्र शुक्ल, ओम प्रकाश, सीमा कुमारी, जया श्रीवास्तव, शिखा मिश्र, रश्मिी वेन, रंजना शुक्ल, यशस्वी सिंह, आरती यादव, ममता पाण्डेय, राजकुमार, आनन्द कुमार शुक्ल, मजहर आलम, सुखराज गुप्ता, राजकुमार पाल, सुभाष चन्द्र मौर्य, कौशलेन्द्र सिंह, हसीना खातून, प्रियंका चौधरी, पप्पू सक्सेना, रमेश चन्द्र चौधरी, रमेश कुमार विश्वकर्मा के साथ ही बड़ी संख्या में शिक्षक, संघ पदाधिकारी  शामिल रहे।

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प्रदीप चंद्र पाण्डेय, भारतीय बस्ती समाचार पत्र के संपादक हैं. वह बीते 30 सालों से ज्यादा समय से पत्रकारिता में सक्रिय है.