यूपी के इन जिलों में भूमि रिकॉर्ड गायब, योगी ने उठाई सख्ती
1.png)
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संभल और लखनऊ अधिकारियों पर नाराजगी जताई है. इस मामले में अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी उन्होंने साफ शब्दों में कहा है इन गलतियों का हर जाना भुगतने के लिए अधिकारी तैयार रहे. बैठक में सीएम योगी के तेवर और रुतबा में बदलाव दिखा है.
जमीन से जुड़ी लापरवाही अब नहीं होगी रहम योगी
यूपी के संभल और लखनऊ जिले में एक सनसनी खेल मच गई है. यहां लापरवाह अधिकारियों ने भूमि रिकॉर्ड गायब होने की घटनाओं को उजागर किया है लेकिन यूपी सरकार इन अधिकारियों पर कड़ी नजर गड़ाई है. सरकारी भूमि और नागरिकों की जमीन से जुड़ी अभिलेखों का गायब होना प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही और भ्रष्टाचार से लिपट इशारा कर रहा है.
योगी सरकार ने रिकॉर्ड गायब होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए इन्वेस्टिगेशन करने के लिए आदेश दिया है इसे तत्काल और रातों की नींद छोड़कर ठीक करने को कहा गया है. इसी दौरान दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा गया है भविष्य में ऐसा गलती ना होने पाए इसलिए इन अधिकारियों को दंड दिया जाएगा आगे उन्होंने कहा राजस्व परिषद को या निर्देश उच्च स्तर में दिए गए हैं पूरे दस्तावेजों को ठीक कराया जाए जिससे जरूरत के आधार पर इस पर निरीक्षण और निगरानी हमारी होगी.
Read Below Advertisement
योगी सरकार ने कहा दोषी नहीं बचेंगे, तैयार रहें
इस बैठक में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में संभल और लखनऊ जिले के कुछ क्षेत्र और गांव को भूमि रिकॉर्ड गायब होने की जानकारी से अवगत करवाया गया था मौजूदा संभल कुछ मामलों को लेकर चर्चाओं में भी था लेकिन राजस्व परिषद के अध्यक्ष को निर्देश दिया दोनों जिलों को या पता लगाया जाए कितने जिले के भूमि रिकॉर्ड गायब हुए हैं असल में वजह क्या है इसकी इसके लिए जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
योगी के इस निर्देश पर प्रदेश के तमाम जिलों में छानबीन शुरू हो चुका है भूमि रिकॉर्ड खोजा जा रहा है अधिकारी आराम के जगह पसीने में लिपटे हुए हैं भूलेखों की खोज की जा रही है जमीन और उससे जुड़ी कानूनी अधिकारी का यह आधिकारिक दस्तावेज खोजा जा रहा है. राज्य सरकार का कहना है की भूमि रिकॉर्ड से जुड़ी गड़बड़ियों के चलते न केवल आम जनता को परेशानी होगी बल्कि इन विवादों और भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिलेगा इस कार्रवाई से एक स्पष्ट संदेश है कि उत्तर प्रदेश सरकार किसी भी कीमत पर प्रशासनिक लापरवाही को बर्दाश्त नहीं कर सकेगी.