यूपी में डिफ़ेंस कॉरिडोर के लिए होगा इस जगह भूमि अधिग्रहण

प्राधिकरण इस ज़मीन को पूरी तरह से घेरे में लेगा. चारदीवारी का निर्माण कराया जाएगा और मुख्य द्वार पर स्वामित्व का सूचना बोर्ड लगाया जाएगा, जिससे साफ संकेत मिलेगा कि यह ज़मीन अब औद्योगिक विकास के लिए आरक्षित है. इसके बाद विभिन्न रक्षा उपकरण निर्माण कंपनियों को ज़मीन आवंटित की जाएगी, जिससे देश में रक्षा उत्पादन को तेजी मिल सके. यह ज़मीन आगरा की सदर तहसील के बिझामई गांव में स्थित है, जो लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे से सीधे जुड़ी हुई है. यह स्थान कनेक्टिविटी के लिहाज से भी बेहद महत्वपूर्ण है. अब तक 123 हेक्टेयर में से 112 हेक्टेयर भूमि की खरीद पूरी हो चुकी है, जबकि शेष 11 हेक्टेयर को जल्द ही जिला प्रशासन के माध्यम से अधिग्रहित किया जाएगा.
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इस डिफेंस कॉरिडोर का दायरा सिर्फ आगरा तक सीमित नहीं है. अलीगढ़, झांसी, चित्रकूट, कानपुर, लखनऊ और आगरा इन छह जिलों में यह प्रोजेक्ट फैला हुआ है. यह देश की सुरक्षा प्रणाली को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक विशेष कदम है. विदेशी रक्षा उपकरणों पर निर्भरता को कम करने के उद्देश्य से भारत सरकार ने वर्ष 2018 में इस महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की थी. UPEDA के एसडीएम संजय सिंह ने जानकारी दी कि भूमि पर नियंत्रण की प्रक्रिया को लेकर विस्तृत प्रस्ताव सरकार को भेजा जा चुका है. जैसे ही सरकार से मंजूरी मिलती है, काम तेजी से प्रारंभ कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस भूमि पर निर्माण, इंफ्रास्ट्रक्चर विकास, सड़कें, बिजली और जल आपूर्ति जैसी मूलभूत सुविधाएं जल्द उपलब्ध कराई जाएंगी, ताकि रक्षा कंपनियों को यहाँ निवेश करने में किसी प्रकार की बाधा न हो. आगरा के जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने भी कहा की डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की प्रगति को लेकर बुधवार को एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी. डिफेंस कॉरिडोर का उद्देश्य केवल औद्योगिक विकास नहीं है, बल्कि इससे स्थानीय स्तर पर रोज़गार के नए अवसर भी प्राप्त होंगे.