यूपी में इस रूट पर लाखों लोगों को मिलेगा फायदा, जल्द पूरा होगा लिंक रोड का काम
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लिंक मार्ग के निर्माण से शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार होगा और लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी. जिससे उनकी यात्रा में समय की बचत होगी. यह परियोजना मेरठ के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी.
तकनीकी और आधुनिकता की ओर
रेल नेटवर्क न केवल देश के भौगोलिक विस्तार को जोड़ने वाला एक साधन है. बल्कि यह भारत की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संरचना का एक अभिन्न हिस्सा भी है. यह विश्व के सबसे बड़े और सबसे व्यस्त रेल नेटवर्कों में से एक है. जो प्रतिदिन लाखों यात्रियों और हजारों टन माल को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाता है. लिंक मार्ग पर रेलवे रोड की ओर से करीब सौ मीटर मार्ग निर्माण अधूरा है. इससे आगे करीब 100 मीटर मार्ग पर रोड़ी-मिट्टी का भराव कर समतल कर दिया गया है. सड़क पर घुमाव देने का काम भी हो गया है अब जल्द ही सड़क निर्माण किया जाएगा. यह रास्ता शहर के बाहर से ही लोगों को उनके स्थान पर पहुंचने में सहायक साबित होगा. यातायात का दबाव कम होने पर शहर के भीतर भी जाम की समस्या से राहत मिलेगी. सबसे ज्यादा राहत आसपास के स्कूल आने-जाने वाले छात्रों को मिलेगी,
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जिन्हें दिल्ली रोड पर घंटों जाम से जूझते हुए आना-जाना पड़ता है. लिंक रोड के लिए 35 कॉलोनियों के लोग करीब ढाई दशक से मांग कर रहे थे. राज्यसभा सदस्य डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने इसके लिए पहल की और सेना ने अपनी आवासीय कॉलोनी परिसर में से 2.369 एकड़ (9585 वर्ग मीटर) भूमि दी. इसके लिए सेना को भुगतान किया गया. मेडा की ओर से इसके लिए सड़क निर्माण का जिम्मा लोक निर्माण विभाग को सौंपा गया और जैन नगर के मकानों के पीछे से सटाकर करीब सात मीटर चौड़ी सड़क निर्माण शुरू किया गया. इस मार्ग की लंबाई 825 मीटर है. 13 मार्च 2024 को डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने उद्घाटन कर शुरुआत की थी. मेरठ में रेलवे रोड को बागपत रोड से जोड़ने वाली 825 मीटर लंबी लिंक रोड बागपत रोड पर थोड़ा घुमाव लेकर खुलेगी. सीधी रोड खोलने पर यातायात बाधित होगा, इसलिए इसे थोड़ा घुमाव दिया गया है. सड़क निर्माण का काम 90 फीसदी के करीब पूरा हो चुका है. बागपत रोड पर आशीर्वाद अस्पताल का 75 मीटर क्षेत्रफल मार्ग में आ रहा है, जिस पर 16 अप्रैल को हुई मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास हो चुका है.
अब घुमाव के साथ जुड़ेगी लिंक रोड
रेल केवल लोहे की पटरियों पर दौड़ती गाड़ियाँ नहीं है. बल्कि यह देश की सांस्कृतिक विविधता, सामाजिक एकता और आर्थिक विकास की धुरी हैं. यह नेटवर्क हर दिन करोड़ों भारतीयों की ज़िंदगी से जुड़ा है एक ऐसी जीवनरेखा जो सदियों से देश की धड़कनों के साथ धड़क रही है. लिंक मार्ग को 31 मार्च तक पूरा कर शुरू करने का लक्ष्य रखा गया था. इसमें सबसे पहले ग्रेन्युल सब बेस (जीएसबी) की नींव रखकर वेट मिक्स मेकाडम (डब्ल्यूएमएम) का काम करीब दो फुट तक मिट्टी बिछाकर किया जा रहा है. इसके ऊपरी सतह पर डेंस बिटुमिनस मेकाडम (डीबीसी) तकनीक इस्तेमाल की जा रही है. सबसे ऊपर बिटुमिन कंक्रीट से सड़क 90 फीसदी तक तैयार हो गई है. करीब छह करोड़ की लागत से 11.5 मीटर चौड़े और 825 मीटर लंबे इस मार्ग के बनने से लाखों लोगों को राहत मिलेगी.
मेडा के मुख्य नगर नियोजक विजय कुमार सिंह ने बताया कि बोर्ड बैठक में मुआवजे का प्रस्ताव पास हो चुका है अब जिला समिति मुआवजे का आंकलन कर धनराशि की घोषणा करेगी। इसी महीने के आखिर में मार्ग शुरू होने की पूरी संभावना है. अब जिला समिति की ओर से मुआवजा धनराशि घोषित होते ही इसे खोला जाएगा. इस मार्ग के शुरू होने से 35 कॉलोनियों के लोगों के साथ ही शहर के दो लाख से अधिक लोगों को लाभ मिलेगा. लिंक रोड की बागपत मार्ग पर आशीर्वाद अस्पताल की तरफ से अभी सड़क बंद है. इससे पहले ही इसे घुमाव दे दिया गया है. इसके अलावा जैन नगर के मकानों के पीछे नाला और दीवार का निर्माण अब पूरा हो गया है. रेलवे रोड की तरफ दोनों पुलिया बन चुकी हैं और सेना की कॉलोनी की ओर पिलर बनने के बाद अब दस फुट दीवार बन गई है और इसके ऊपर लोहे के एंगल लगाए गए हैं. इन एंगल पर सुरक्षा की दृष्टि से कंटीले तार लगाए जा रहे हैं.