यूपी में इस नई रेल लाइन को लेकर काम तेज, ख़लीलाबाद समेत इन जिलो को होगा फायदा

बलरामपुर जिले के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। खलीलाबाद-उतरौला-बहराइच तक प्रस्तावित नई रेल लाइन को लेकर अब काम तेज हो गया है। इस रेल लाइन का निर्माण बलरामपुर जिले से होकर किया जाना है, और इसके लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया अब जल्द ही शुरू होने वाली है। इससे क्षेत्रीय विकास के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार और बेहतर परिवहन सुविधा मिलने की संभावना बढ़ गई है।
शुक्रवार को दिशा की बैठक में केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने इस प्रोजेक्ट में हो रही देरी को लेकर नाराजगी जाहिर की। इसके बाद रेलवे विभाग ने इस परियोजना को प्राथमिकता देते हुए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के संकेत दिए हैं।
रेलवे की तकनीकी टीम ने बलरामपुर जिले के 66 गांवों में जमीन खरीद का आकलन शुरू कर दिया है। जानकारी के अनुसार, सबसे पहले उतरौला तहसील के टेढ़वा तप्पाबांक गांव में जमीन का बैनामा कराने की तैयारी चल रही है। इसके बाद अन्य गांवों में भी यह प्रक्रिया तेजी से पूरी की जाएगी।
जिन गांवों में जमीन खरीदी जाएगी उनमें प्रमुख रूप से चिचुड़ी शहगिया, चुचड़ीहदी, मलमलिया, बांक भवानी, गोवर्धनपुरवा, ताराडीह, पुरैना बुलंद, मैनहा, पिड़िया बुजुर्ग, छितरपारा, पिपराराम, बजरमुंडा, बकसरिया, चपरहिया, लालगंज, सेखइया कस्बा, जोगीबीर, अमिया देवरिया, बड़हरा, रघवापुर, कपौवा शेरपुर, दारीचौरा, विशंभरपुर, डोवाढाबर, चवईं बुजुर्ग और सेखुइया जैसे गांव शामिल हैं।
रेलवे के डिप्टी चीफ इंजीनियर रविंद्र मेहरा के अनुसार, बलरामपुर जिले में जल्द ही जमीन खरीद की प्रक्रिया शुरू होगी और इसके बाद निर्माण कार्य की दिशा में बड़ा कदम उठाया जाएगा।
इस नई रेल लाइन से न सिर्फ बलरामपुर बल्कि आसपास के जिलों को भी लाभ होगा। यातायात सुविधाएं बेहतर होंगी, क्षेत्र का आर्थिक विकास तेज होगा, और लोगों को अन्य शहरों से जोड़ने वाली कनेक्टिविटी मजबूत होगी।
यह परियोजना स्थानीय निवासियों के लिए उम्मीद की एक नई किरण लेकर आई है। अब देखना होगा कि जमीन अधिग्रहण और निर्माण की प्रक्रिया कितनी तेजी से पूरी होती है ताकि यह बहुप्रतीक्षित रेल लाइन जल्द धरातल पर उतर सके।