यूपी के इस जिले में अब गाड़ी की रफ्तार की तेज तो तुरंत होगा चालान

उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश में स्थित अलीगढ़ की सड़कों पर अब तेज रफ्तार से वाहन चलाना आसान नहीं होगा. अगर किसी वाहन की गति 40 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक हुई, तो वह सीधा ट्रैफिक पुलिस के रडार पर आ जाएगा और तुरंत उसका चालान कट जाएगा. शहर में सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए यातायात विभाग ने सख्त कदम उठाते हुए हाईटेक इंटरसेप्टर बाइकें तैनात की हैं.
यातायात पुलिस को 3 आधुनिक इंटरसेप्टर बाइकें मिली हैं, जिनमें स्पीड रडार, फ्लैशर लाइट, हूटर और मोबाइल चालान की सुविधा है. इन बाइकों पर ट्रैफिक सब-इंस्पेक्टर (टीएसआई) और हेड कांस्टेबल की ड्यूटी लगाई गई है. हर बाइक के लिए एक निश्चित रूट भी निर्धारित किया गया है. ये टीमें सिर्फ स्पीड जांच ही नहीं करेंगी, बल्कि जाम की सूचना पर तुरंत मौके पर पहुंचकर यातायात सुचारू करने में भी सहायता करेंगी.
ये इंटरसेप्टर बाइकें पहले प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान उपयोग की गई थीं. बाद में इन्हें अलग-अलग जिलों को सौंपा गया, जिसमें अलीगढ़ को भी 3 बाइकें मिलीं. यातायात निरीक्षक विनय सागर शुक्ला के मुताबिक, ये बाइकें आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं और चालकों की निगरानी के लिए काफी उपयोगी साबित होंगी. सभी ट्रैफिक कर्मियों को हेलमेट सहित आवश्यक सुरक्षा उपकरण भी उपलब्ध कराए गए हैं.
इस नई व्यवस्था की शुरुआत के दौरान टीआई कमलेश कुमार, ई-चालान प्रभारी नेपाल सिंह, टीएसआई मनोज कुमार, हरपाल सिंह, विकास कुमार तथा मुख्य आरक्षी धीरेंद्र सिंह, गजेंद्र सिंह और जुगेंद्र सिंह जैसे अधिकारी भी उपस्थित थे.
शुरू में 3 टीमें तीन अलग-अलग क्षेत्रों में तैनात की गई हैं. पहली टीम सारसौल से कंपनी बाग, दूसरी कंपनी बाग से एटा चुंगी और तीसरी टीम दुबे का पड़ाव से क्वार्सी तक तैनात रहेगी. इनका काम सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक रहेगा. अगर किसी स्थान पर जाम लगता है तो ये टीमें तुरंत पहुंचकर सहायता देंगी.
टीआई शुक्ला ने इस विषय पर जानकारी दी है कि शहर में वाहनों की अधिकतम गति सीमा 40 किमी प्रति घंटा निश्चित की गई है. वहीं हाईवे पर दोपहिया और भारी वाहनों के लिए यह सीमा 60 किमी प्रति घंटा तथा कारों के लिए 100 किमी प्रति घंटा है. कोई भी वाहन इन सीमाओं को पार करता है तो रडार उसकी गति रिकॉर्ड करने में सक्षम रहेगा और उसी वक्त चालान भी कट जाएगा.