गोरखपुर से लखनऊ यात्रा कर रहे है तो जान लीजिए ये जरूरी बात बदल गए ये नियम इस चीज का देना होगा ज्यादा रुपए

Uttar Pradesh Gorakhpur Lucknow

गोरखपुर से लखनऊ यात्रा कर रहे है तो जान लीजिए ये जरूरी बात बदल गए ये नियम इस चीज का देना होगा ज्यादा रुपए
गोरखपुर से लखनऊ यात्रा कर रहे है तो जान लीजिए ये जरूरी बात बदल गए ये नियम

शनिवार 2 जून को नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया की तरफ से टोल टैक्स बढ़ाए जाने का निर्देश मिला है, 2 जून की रात्रि से ही टोल टैक्स बढ़ाया जा चुका है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर 2 जून रात्रि 12:00 से यह टोल टैक्स लिए जाएंगे, सभी टोल प्लाजा पर इसकी सूचना दे दी गई है और आपको बता दे की टोल टैक्स में ₹5 की बढ़ोतरी हुई है और अब ₹5 बड़ा करके टोल टैक्स लिए जाएंगे।

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया की तरफ से यह सूचित किया गया है कि हल्के वाहन यानी की कार, वैन, जीप के टोल टैक्स को नहीं बढ़ाया गया है केवल जो वहां बड़े और भारी हैं उनके टोल टैक्स को बढ़ाया गया है, यानी की कार, वैन, जीप जैसे हल्के वाहनों को पहले के जैसे ₹130 एक तरफ का टोल टैक्स ही देना होगा। कॉमर्शियल वाहन, मालवाहक वाहन व मिनी बसों में भी टोल टैक्स बदलाव नहीं किया गया है और इन्हें भी पहले की तरह 210 रुपए एक तरफ का टोल टैक्स देना होगा।

इन वाहनों पर टैक्स बढ़ाने वाले हैं उनकी बात कर तो दो एक्सल वाले बसों और ट्रकों में टैक्स को बढ़ाया गया है यानी की इनमें पहले एक तरफ का 435 टोल टैक्स लिया जाता था अब ₹5 बढ़ा करके 440 रुपए टोलटैक्स लिया जाएगा। तीन एक्सल वाले व्यवसायिक वाहन‌ में पहले एक तरफ का टोल टैक्स 475 रुपए था अब ₹5 बढ़कर 480 टोल टैक्स लिया जाएगा। सात एक्सल वाले वाहनों में भी ₹5 बढ़कर टोल टैक्स वसूला जाएगा यानी की पहले 830 था और अब 835 रुपए टोल टैक्स लिया जाएगा।

पहले कार, वैन और जीप में मासिक पास पहले 4,290 रुपए में बनवाया जाता था और अब इसको बढ़ा करके 4,315 रुपए कर दिया गया है यानी की 25 रुपए बढ़ाया गया है। कॉमर्शियल वाहन, मालवाहक वाहन व मिनी बस का मासिक पास पहले 6,930 रुपए का बनता था और अब 6,970 रुपये में बनाया जाएगा यानी कि इसमें ₹40 की बढ़ोतरी हुई है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया की तरफ से सभी टोल प्लाजा पर टोल टैक्स बढ़ाने की सूचना दे दी गई है।

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वागार्थ सांकृत्यायन
संपादक, भारतीय बस्ती

वागार्थ सांकृत्यायन एक प्रतिबद्ध और जमीनी सरोकारों से जुड़े पत्रकार हैं, जो पिछले कई वर्षों से पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। भारतीय बस्ती के संपादक के रूप में वे खबरों को सिर्फ़ घटनाओं की सूचना तक सीमित नहीं रखते, बल्कि उनके सामाजिक और मानवीय पक्ष को भी उजागर करते हैं।

उन्होंने भारतीय बस्ती को एक मिशन के रूप में विकसित किया है—जिसका उद्देश्य है गांव, कस्बे और छोटे शहरों की अनसुनी आवाज़ों को मुख्यधारा की मीडिया तक पहुंचाना। उत्तर प्रदेश की राजनीति, समाज और संस्कृति पर उनकी विशेष पकड़ है, जो खबरों को गहराई और विश्वसनीयता प्रदान करती है