यूपी में Nagpanchmi तक बंद रहेगा गोरखपुर लखनऊ हाईवे, निकलना है बाहर तो जरूर पढ़ें ये खबर

यूपी में Nagpanchmi तक बंद रहेगा गोरखपुर लखनऊ हाईवे, निकलना है बाहर तो जरूर पढ़ें ये खबर
Gorakhpur Lucknow Highway

अभी सावन का महीना चल रहा है और 9 अगस्त को नागपंचमी है, इस बीच कावड़ यात्रा के चलते भारी भीड़ हो रही है। इसे देखते हुए सरकार ने नागपंचमी तक गोरखपुर से लखनऊ की तरफ जाने वाले सभी भारी वाहनों को रोक दिया है, ऐसा करने की वजह यह है कि अयोध्या में कावड़ियों की भीड़ अधिक होगी और सुरक्षा को देखते हुए सरकार ने रोड डायवर्शन बढ़ा दिए हैं। भारी वाहनों को अब कालेसर और सहजनवां के बीच बनाए गए बैरियर के पास रोका जा रहा है, जबकि बड़हलगंज क्षेत्र में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और फरेंदा के माध्यम से सिद्धार्थनगर की ओर रुख किया जा रहा है।

देवरिया और कुशीनगर से आने वाले भारी वाहनों को अब बड़हलगंज के रास्ते पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की ओर निर्देशित किया जा रहा है। सहजनवां और कालेसर में बने बैरियर पर रुके हुए वाहनों को अब सिद्धार्थनगर के रास्ते लखनऊ की ओर भेजा जा रहा है, जो जंगल कौड़िया, कैंपियरगंज, और फरेंदा के माध्यम से होगा।

इस बात को स्पष्ट करते हुए पुलिस अधीक्षक यातायात संजय कुमार ने कहा कि "सावन के महीने में हर वर्ष मेला लगता है, यही कारण है कि अयोध्या और बस्ती मैं हाईवे पर कावड़ियों की भीड़ अधिक होगी जिसके कारण ट्रैफिक भी लग सकता है। इसे रोकने के लिए भारी वाहनों का डायवर्शन किया जा रहा है। साथ ही कावड़ियों की सुरक्षा के लिए हाईवे पर वाहनों को नियंत्रित करके चलवाया जाएगा।"

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बीते सोमवार की रात्रि में डायवर्सन किया गया था जिसके बाद, बहुत से ट्रक ड्राइवर ने अपने ट्रैकों को हाईवे पर ही खड़ा कर रखा था और इसके कारण एक लंबा ट्रैफिक उत्पन्न हो गया था। एसपी यातायात ने इस विषय पर कहा है कि "डायवर्सन के नियमों का शक्ति से पालन किया जा रहा है। छोटे वाहनों, एंबुलेंस और आवश्यक सेवाओं से जुड़े वाहनों को डायवर्सन के अंतर्गत नहीं रखा गया है।

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वागार्थ सांकृत्यायन
संपादक, भारतीय बस्ती

वागार्थ सांकृत्यायन एक प्रतिबद्ध और जमीनी सरोकारों से जुड़े पत्रकार हैं, जो पिछले कई वर्षों से पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। भारतीय बस्ती के संपादक के रूप में वे खबरों को सिर्फ़ घटनाओं की सूचना तक सीमित नहीं रखते, बल्कि उनके सामाजिक और मानवीय पक्ष को भी उजागर करते हैं।

उन्होंने भारतीय बस्ती को एक मिशन के रूप में विकसित किया है—जिसका उद्देश्य है गांव, कस्बे और छोटे शहरों की अनसुनी आवाज़ों को मुख्यधारा की मीडिया तक पहुंचाना। उत्तर प्रदेश की राजनीति, समाज और संस्कृति पर उनकी विशेष पकड़ है, जो खबरों को गहराई और विश्वसनीयता प्रदान करती है