यूपी में फिर से शुरू हो रही चकबंदी प्रक्रिया, विवाद होंगे खत्म और खेती होगी आसान
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यूपी में राज्य सरकार को कई जिलों के साथ-साथ बेलहरी गांव के लोगों ने चकबंदी के लिए शासन को पत्र लिखकर भेजने का कार्य किया है. जिसमें चकबंदी आयुक्त ने डीएम को जल्द चकबंदी करने का दिशा निर्देश दिया है स्थानीय लोगों आस लगाए हुए हैं कि इसमें भूमि विवाद कम होने तथा खेती और भी सुखम होगी. चकबंदी से राजस्व संबंधी मुकदमे भी घट जाएंगे तथा विकास कार्यों के लिए भूमि उपलब्ध आसानी से होगी.
जल्द प्रारंभ किया जाएगा चकबंदी प्रावधान
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में बेलहरी गांव के लोगों ने चकबंदी के लिए राज्य स्तर पर शासन को पत्र लिखकर अवगत कराया है इस संबंध में चकबंदी आयुक्त राजधानी लखनऊ ने डीएम को जल्द से जल्द ही बेलहरी में चकबंदी करने के लिए निर्देशित आवश्यक रूप से किया है प्रदेश में चकबंदी योजना 1954 में प्रारंभ की गई थी जो वर्ष 1958 से पूरे प्रदेश में लॉन्च कर दी गई थी.
बेलहरी गांव के किसान अपनी सभी भूमि को व्यवस्थित करना भी चाहते हैं तथा खेती को आसान भी हर तरफ से बनाना चाहते हैं जिसमें चकबंदी से किसानों को अपनी भूमि की निगरानी करने के लिए आसानी होगी इससे समय तथा श्रम की भी बड़ी बचत हो सकती है इसके साथ-साथ चकबंदी से भूमि विवादों को भी आसानी से सुलझाया जा पाएगा.
राज्य स्तर पर भेजा गया लिखकर पत्र
इस प्रावधान को लेकर बेलहरी गांव के किसान अपनी सभी भूमि को व्यवस्थित भी करने के लिए सोच रहे हैं तथा खेती को आसान बनाना चाहते हैं. इस थेरे ओं पूर्व ग्राम प्रधान गोपाल सिंह ने बताया है की चकबंदी का मुख्य उद्देश्य किसानों के बिखरे हुए खेतों को एक जगह करना तथा भूमि विवादों को खत्म करना है ग्रामीणों द्वारा 30 साल बाद चकबंदी के लिए पत्र लिखने का मतलब स्पष्ट है कि वह अपनी भूमि को व्यवस्थित करना चाहते हैं.
तथा भूमि विवादों को जल्द से जल्द हल करके सारी समस्याओं को खत्म करना चाहते हैं चकबंदी हो जाने के बाद गांव के राजस्व मामलों के अधिकांश मुकदमे स्वत रूप से समाप्त हो जाएगी गांव की बढ़ती आबादी तथा रियाहाशी इलाकों के विस्तार से गांव में विकास परख जमीनों की कमी महसूस की जा रही है गांव में आवागमन के लिए समुचित मार्ग की व्यवस्था जनोपयोगी भावनाओं के निर्माण में चकबंदी से जमीन ने सुरक्षित हो जाएंगे.
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शम्भूनाथ गुप्ता पिछले 5 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता में हैं। 'मीडिया दस्तक' और 'बस्ती चेतना' जैसे प्लेटफॉर्म पर न्यूज़ और वीडियो एडिटिंग टीम में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। न्यूज़ प्रोडक्शन और डिजिटल कंटेंट निर्माण में गहरा अनुभव रखते हैं। वर्तमान में वे 'भारतीय बस्ती' की उत्तर प्रदेश टीम में कार्यरत हैं, जहां वे राज्य से जुड़ी खबरों की गंभीर और सटीक कवरेज में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।