गोरखपुर में बनेगा कंप्यूटर सेंटर, तीन करोड़ रुपए मंजूर
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यूपी में राज्य सरकार ने एक जिला एक विश्वविद्यालय नीति को लगातार आगे ही बढ़ाया है जिसमें निजी क्षेत्र की भागीदारी से पूरे राज्य में प्रत्येक जिले में विश्वविद्यालय में कई प्रकार की व्यवस्थाएं प्रदान किया जा चुका है जिसमें उच्च शिक्षा की पहुंच तथा गुणवत्ता में सुधार हो पाया है. छात्रों में सृजनात्मक, गतिविधि आधारित समझ तथा दीर्घकालीन सशक्तिकरण की दिशा में सुदृढ़ मानी जा रही है.
शिक्षा व्यवस्था में सुधार, यूपी की नई पहल
इस दौरान डीडीयू में प्रशासनिक भवन के पीछे की जमीन पर साल 2019 में तत्कालीन कुलपति प्रो वीके सिंह के कार्यकाल में कंप्यूटर सेंटर निर्माण करने के लिए भवन का निर्माण आवश्यक रूप से प्रारंभ किया गया था. अब करीब करीब 6.30 करोड रुपए की लागत से अब सेंटर का तैयार होना था. साल अब 2021 में तत्कालीन कुलपति प्रो राजेश सिंह के कार्यकाल में फंड के अभाव में कार्य को बंद करवा दिया गया था जिसमें पिछले चार सालों से इसे लेकर कई बार योजनाएं बनी लेकिन अब बजट को प्रारंभिक रूप से जारी किया गया है.
व्यापक बुनियादी शिक्षा परियोजनाओं का आरंभ
अब इस कड़ी में दो मंजिला भवन में कुल 344 कंप्यूटर स्थापित किया जा चुका है. इसमें एआई लैब, साइबर लाइब्रेरी, सेंट्रल इंस्ट्रूमेंटेशन फैसेलिटीज की व्यवस्था की जाएगी इसके अलावा भी ऑनलाइन प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी यहां केंद्र को स्थापित सुव्यवस्थित से किया जाएगा. डीडीयू में प्रशासनिक भवन के पीछे एडवांस पार्किंग की व्यवस्था कर दी गई है.
जिसमें निर्माण हो जाने के बाद प्रशासनिक भवन के सामने कोई गाड़ी खड़ी नहीं की जा सकती है सभी वाहन पार्किंग स्थल पर ही सही ढंग से खड़ा करवाने का दिशा निर्देश दिया गया है अब वहां पर प्रशासनिक भवन आने के लिए अंदर से करीब करीब दो रास्ते की व्यवस्था की गई है जिसमें लोग सुविधा अनुसार आ जा सकेंगे. अब कंप्यूटर सेंटर के निर्माण के दौरान अन्य निर्माण कार्यों के लिए भी योजना की तैयारी की जा रही है कंप्यूटर सेंटर निर्माण हो जाने के बाद यहां के छात्रों को व्यापक स्तर से लाभ आवश्यक रूप से मिल पाएगा.
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शम्भूनाथ गुप्ता पिछले 5 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता में हैं। 'मीडिया दस्तक' और 'बस्ती चेतना' जैसे प्लेटफॉर्म पर न्यूज़ और वीडियो एडिटिंग टीम में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। न्यूज़ प्रोडक्शन और डिजिटल कंटेंट निर्माण में गहरा अनुभव रखते हैं। वर्तमान में वे 'भारतीय बस्ती' की उत्तर प्रदेश टीम में कार्यरत हैं, जहां वे राज्य से जुड़ी खबरों की गंभीर और सटीक कवरेज में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।