यूपी में घरौनी को लेकर जाने नियम, सरकार देगी पैसा
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यूपी में राज्य सरकार ने ग्रामीणों को घर निर्माण करने के लिए ऋण का मिल पाना अब काफी आसान हो चुका है. जिसमें राजस्व विभाग ने घरौनी को कानूनी मान्यता देने का प्रस्ताव शासन को बनाकर भेज दिया है. जिसे अब कैबिनेट के मंजूरी मिलने के बाद विधानसभा में पेश करवा दिया जाएगा अब कानून लागू होने से ग्रामीणों को बैंक से ऋण आसानी से मिल पाएगा तथा आबादी के भीतर स्थित भूमि का मालिकाना हक भी आसानी से प्राप्त होगा.
भूमि घरौनी को लेकर शहर में नया अपडेट
इस दौरान विधानसभा से घरौनी कानून के मसौदे को स्वीकृति मिलने के बाद एक ग्रामीणों को घर बनवाने के लिए बैंकों से ऋण आवश्यक रूप से मिल पाएगा. अभी इस दौरान प्रदेश में स्वामित्व योजना के अंतर्गत घरौनी को लेकर अभी तक केवल नियमावली बनी हुई थी जिसमें अब इसके अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के घरों की घरौनी तैयार आवश्यक रूप से की जा रही है. अब घरौनी के लिए भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा गांव का ड्रोन के माध्यम से निरीक्षण करके नक्शे को तैयार करवाया जा रहा है जिसमें अब प्रदेश के 90573 गांव को चयन किया जा चुका है अब उसमें से 68000 से भी ज्यादा गांव में बने घरों की घरौनी तैयार कर ली गई है.
जाने क्या क्या आ गया है खास अपडेट
अब इस कड़ी में घरौनी कानून न होने के कारण ग्रामीणों को घरौनी के आधार पर बैंकों से ऋण नहीं मिल पाता था और ना ही आबादी के भीतर स्थित अविवादित भूमि पर ग्रामीणों को मालिकाना हक मिल पा रहा था. नतीजा राज्य सरकार को दिशा निर्देश पर राजस्व विभाग ने घरौनी नियमावली में संशोधन करके इससे संबंधित कानून का मसौदा आसानी से तैयार कर लिया जाएगा राजस्व विभाग द्वारा तैयार मसौदे के अंतर्गत अविवादित में संशोधन करके अब इससे संबंधित कानून का मसौदा तैयार कर लिया जाएगा.
अब राजस्व विभाग द्वारा तैयार मसौदे के अनुसार अविवादित भूमि पर मालिकाना अधिकार को लेकर लेखपाल रिपोर्ट भी लगा देंगे. अब से रिपोर्ट के आधार पर कानूनगो की स्वीकृति संबंधित व्यक्ति का नाम राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करवा लिया गया है. अब इसके साथ-साथ ही बैनामा, उत्तराधिकारी, गिफ्ट डीड और सरकारी उपक्रम से नीलामी में ली गई भूमि को लेकर तहसीलदार की स्वीकृति के बाद ही भूमि के मालिक का नाम राजस्व रिकॉर्ड में आसानी से दर्ज किया जा सकेगा.
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शम्भूनाथ गुप्ता पिछले 5 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता में हैं। 'मीडिया दस्तक' और 'बस्ती चेतना' जैसे प्लेटफॉर्म पर न्यूज़ और वीडियो एडिटिंग टीम में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। न्यूज़ प्रोडक्शन और डिजिटल कंटेंट निर्माण में गहरा अनुभव रखते हैं। वर्तमान में वे 'भारतीय बस्ती' की उत्तर प्रदेश टीम में कार्यरत हैं, जहां वे राज्य से जुड़ी खबरों की गंभीर और सटीक कवरेज में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।