यूपी के इस जिले में गाँव में 50 पर्सेन्ट तक बढ़ा सर्किल रेट

यूपी के इस जिले में गाँव में 50 पर्सेन्ट तक बढ़ा सर्किल रेट
Circle Rate

उत्तर प्रदेश में जमीनों के पुनरीक्षण का काम तेजी से चल रहा है। 15 महीने में 37 जिलों में यह पूरा कर लिया गया है। अन्य जिलों में जल्द ही पुनरीक्षण का काम पूरा कर लिया जाएगा। योगी सरकार इसे प्राथमिकता पर कर रही है। जिन जिलों में वर्षों से जमीनों के सर्किल रेट का पुनरीक्षण नहीं हुआ, वहां प्राथमिकता पर इसे पूरा करने पर फोकस किया जा रहा है। कुछ जिलों में पुनरीक्षण प्रक्रिया जारी है। वहीं अन्य जिलों में भी इसे जल्द ही शुरू किए जाने की योजना है।

गांवों में 20% से 50% तक बढ़ेगा सर्किल रेट

जमीन के सर्किल रेट का पुनरीक्षण होने का किसानों को सबसे अधिक लाभ मिलेगा। कानून के अनुसार भूमि अधिग्रहण में किसानों को जमीन का सही मूल्य मिलने का मार्ग प्रशस्त होता है। किसानों को ध्यान में रखते हुए सर्किल रेट के पुनरीक्षण प्रक्रिया को जल्द पूरा करने पर फोकस किया जा रहा है। अब गोरखपुर के आसपास के गांवों में जमीन-मकान की रजिस्ट्री के लिए सर्किल रेट में ज्यादा अंतर नहीं रह जाएगा। जिलों के साथ तहसीलों के सीमावर्ती गांवों में सर्किल रेट में 10 प्रतिशत से अधिक अंतर नहीं रहेगा। परिवर्तन में सर्किल रेट कहीं ज्यादा होगा तो कुछ राजस्व गांवों में कम भी हो सकता है। प्रक्रिया में राजस्व गांवों में 20 से 50 प्रतिशत तक सर्किल रेट बढ़ सकता है। जिला प्रशासन एवं रजिस्ट्री विभाग ने सर्किल रेट एक समान करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। संभावना है कि अगस्त 2025 में सर्किल रेट में परिवर्तन हो जाएगा। जिला और तहसीलों के सीमावर्ती गांवों में सर्किल रेट एक समान किया जा रहा है। सर्किल रेट बढ़ने पर उन किसानों को बड़ी राहत मिलेगी, जिन्होंने नौ साल बाद भी सर्किल रेट नहीं बढ़ने पर आर्बिटेशन दाखिल किया है। एआईजी स्टॉम्प संजय कुमार दुबे ने कहा कि जिले के साथ तहसीलों के सीमावर्ती गांवों के सर्किल रेट में 10 प्रतिशत से ज्यादा अंतर नहीं रहेगा। सर्किल रेट में परिवर्तन की प्रक्रिया शुरू की गई है। कहीं वृद्धि होगी तो कुछ गांवों में सर्किल रेट कम भी किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश स्टांप ;संपत्ति का मूल्यांकनद्ध की द्वितीय संशोधन नियमावली.2013 नियम 4;1 के तहत डीएम द्वारा अगस्त के महीने में वार्षिक रूप से जिले के विभिन्न भागों में स्थित कृषि व अकृषक भूमि का न्यूनतम मूल्य प्रति हेक्टेयर प्रति वर्गमीटर की दर निर्धारित किए जाने का उल्लेख है। आवश्यकता होने पर डीएम वर्ष के मध्य में भी सर्किल दर सूची का पुनरीक्षण का कार्य कर सकते हैं। ऐसे में प्रदेश में 1 जनवरी 2024 से लेकर अब तक 37 जिलों में जमीनों के सर्किल रेट के पुनरीक्षण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। 

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इन जिलों में प्रक्रिया जारी

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अगस्त 2016 के बाद तहसील सदर सहित ज्यादातर तहसीलों में सर्किल रेट नहीं बढ़ा है। जिला प्रशासन ने हाल ही में सामान्य निर्देश में परिवर्तन करके जमीन मकान के क्रय-विक्रय में स्टॉम्प शुल्क बढ़ा दिया है, लेकिन अधिकतर राजस्व गांवों में बाजार मूल्य की अपेक्षा सर्किल रेट ज्यादा कम है। ऐसे क्षेत्रों में जिन जमीनों को सरकार खरीद रही है, उनमें किसान उचित मुआवजा नहीं मिलने पर विरोध कर रहे हैं। अगस्त 2024 में गोरखपुर में सर्किल रेट में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव तैयार किया गया था, लेकिन वह लागू नहीं हो सका था। अब सीमावर्ती गांवों में सर्किल रेट एक समान करना है तो उसमें संशोधन करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। तहसीलों के सीमा वाले गांवों में सर्किल रेट बढ़ाने पर जोड़-घटना शुरू किया गया है, जबकि जिलों के सीमा वाले गांवों में सर्किल रेट बढ़ाने के लिए पड़ोसी जिलों के अधिकारी बैठक करने वाले हैं। मुआवजा वितरण के दौरान 200 मीटर के दायरे की जमीन में चौरीचौरा में 4.5 लाख और देवरिया के गांव में करीब 25 लाख रुपये मुआवजा मिला, तो शिकायत हुई। दो जिलों के गांवों में सर्किल रेट में 300 प्रतिशत का अंतर संज्ञान में आया। अब आईजी स्टॉम्प के निर्देश पर सर्किल रेट को ज्यादा और कम करने की प्रक्रिया शुरू की गई। हाल ही में समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव ने पुनरीक्षण की कार्रवाई को तेजी से आगे बढ़ाने का निर्देश दिया था। जिन जिलों में वर्षों से पुनरीक्षण प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है, उनमें लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, बागपत, इटावा, कन्नौज, हापुड़, बुलंदशहर, मेरठ, महाराजगंज, कुशीनगर, अयोध्या, अम्बेडकरनगर, एटा, कासगंज, मुजफ्फरनगर, बदायूं, झांसी, जालौन, ललितपुर, संत कबीरनगर, कौशाम्बी व प्रयागराज आदि प्रमुख हैं। इन सभी जिलों में जल्द ही पुनरीक्षण की कार्रवाई शुरू की जाएगी। वहीं शामली, सहारनपुर, मीरजापुर, अलीगढ़, बांदा, हमीरपुर, आगरा, सुल्तानपुर, अमेठी व गौतमबुद्ध नगर समेत कई जिलों में फिलहाल पुनरीक्षण की प्रक्रिया जारी है।

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