मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन 4 परियोजना का किया उद्घाटन, यह चार रूट होंगे फोरलेन
इस विद्यालय के कार्यक्षेत्र में गोरखपुर, बस्ती, आजमगढ़, वाराणसी और विंध्याचल मंडल के कुल 17 जिले सम्मिलित हैं,
उत्तर प्रदेश में स्थित गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को 4 महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन करने जा रहे हैं। इनमें:-
- राप्ती नदी पर एक नया फोरलेन पुल,
- गोरखपुर से पिपराइच तक का फोरलेन,
- चारफाटक से असुरन तक का फोरलेन
- गोरखपुर-सिकरीगंज मार्ग का चौड़ीकरण कार्य शामिल है।
इन परियोजनाओं के माध्यम से सड़क कनेक्टिविटी को और अधिक मजबूत किया जाएगा, जिससे यात्रा में सुविधा और समय की बचत होगी। चारों परियोजनाओं पर कुल मिलाकर लगभग 1479 करोड़ रुपये का खर्च आने की उम्मीद है।
गोरखपुर में आगामी विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाएगा, इनमें यह परियोजनाएं शामिल है:-
- लखनऊ-गोरखपुर मार्ग पर राप्ती नदी के राजघाट पर एनएच-28 पर अतिरिक्त दो लेन का निर्माण किया जाएगा, जो नदी सेतु के साथ-साथ पहुंच मार्ग, सुरक्षात्मक कार्य और भूमि अधिग्रहण के कार्यों को भी शामिल करेगा। इस परियोजना की कुल लागत 103 करोड़ 92 लाख 76 हजार रुपये निर्धारित की गई है।
- लखनऊ-गोरखपुर राजमार्ग पर राप्ती नदी के राजघाट पर एनएच-28 पर नदी के पुल के लिए अतिरिक्त दो लेन का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही, पहुंच मार्ग, सुरक्षात्मक कार्य और भूमि अधिग्रहण के कार्य भी शामिल होंगे। इस परियोजना की कुल लागत 117 करोड़ 99 लाख 84 हजार रुपये निर्धारित की गई है।
- गोरखपुर-पिपराइच रूट का चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण है, जिसकी लंबाई 19.485 किमी है। इस परियोजना पर कुल लागत 917 करोड़ 40 लाख रुपये निर्धारित की गई है।
- चारफाटक-असुरन रूट का चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण है, जो 2.60 किमी लंबा है। इस पर खर्च होने वाली राशि 278 करोड़ 89 लाख 13 हजार रुपये है।
- गोरखपुर-खजनी-सिकरीगंज रूट का चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण है, जिसकी लंबाई 13 किमी है। इस पर 60 करोड़ 58 लाख 95 हजार रुपये की लागत आएगी।
चरगांवा स्थित राजकीय कृषि विद्यालय में कृषि से संबंधित मास्टर ट्रेनरों, कर्मचारियों और प्रगतिशील किसानों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। यह विद्यालय क्षेत्र में कृषि विकास के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है। फिलहाल, इस विद्यालय के कार्यक्षेत्र में गोरखपुर, बस्ती, आजमगढ़, वाराणसी और विंध्याचल मंडल के कुल 17 जिले सम्मिलित हैं, जो कृषि के क्षेत्र में नवाचार और प्रगति के लिए एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
राजकीय कृषि विद्यालय के नए प्रशासनिक भवन और किसान हॉस्टल को निर्मित कराने पर 9.88 करोड़ और 9.08 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई है। इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 21 मार्च 2021 को किया था।
संजय कुमार मीना (मुख्य विकास अधिकारी) ने बताया कि "राजकीय कृषि विद्यालय के नवीनीकरण से अब ज्यादा संख्या में किसानों को कृषि से संबंधित नई जानकारियों का लाभ मिल सकेगा। पहले के पुराने भवन में केवल 80 लोग ही प्रशिक्षण ले पाते थे, लेकिन अब इस नए भवन के बनने से यह संख्या काफी बढ़ जाएगी। राजकीय कृषि विद्यालय, जो चरगांवा में स्थित है, की स्थापना 1932 में की गई थी"
इस विद्यालय में पहले कृषि डिप्लोमा की पढ़ाई होती थी, लेकिन 1984 में प्रदेश में कृषि स्नातकों की संख्या में वृद्धि के चलते यहां कृषि डिप्लोमा कोर्स को समाप्त कर दिया गया। इस फैसले के बाद, राजकीय कृषि विद्यालय ने कृषि विभाग के कर्मचारियों, प्रगतिशील किसानों और किसान विद्यालय के मास्टर ट्रेनरों के लिए नवीनतम कृषि तकनीकों का प्रशिक्षण देने का कार्य शुरू किया।
अभी के समय में, राजकीय कृषि विद्यालय का कार्यक्षेत्र उत्तर प्रदेश के कई जिलों में फैला हुआ है। इसमें गोरखपुर, बस्ती, आजमगढ़, वाराणसी तथा विंध्याचल मंडल के कुल 17 जिले सम्मिलित हैं। ये जिले कृषि शिक्षा और अनुसंधान के लिए महत्वपूर्ण केंद्र बन चुके हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटन की गई क्षेत्रीय जन विश्लेषक प्रयोगशाला, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के अंतर्गत कार्य करेगी। यह प्रयोगशाला खाद्य पदार्थों और दवाओं के नमूनों की जांच का कार्य करेगी, जिससे गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी। पूर्वी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों को इस प्रयोगशाला से लाभ मिलेगा, जिससे स्थानीय लोगों को सुरक्षित और मानक खाद्य सामग्री और औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। इस प्रयोगशाला के निर्माण पर कुल 24 करोड़ 43 लाख 63 हजार रुपये की लागत आई है।