यूपी में इन गाँव की जमीन को लेकर बड़ी खबर, इस वजह से लगी रोक

यूपी में इन गाँव की जमीन को लेकर बड़ी खबर, इस वजह से लगी रोक
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उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है, जिसके तहत राज्य के 52 गांवों की जमीनों के भू.परिवर्तन पर रोक लगा दी गई है। यह निर्णय उन गांवों की जमीनों के उपयोग को नियंत्रित करने के लिए लिया गया है जहां विकास के नाम पर कृषि भूमि को अन्य उपयोगों में बदलने की कोशिश की जा रही थी। इस कदम का उद्देश्य भूमि संरक्षण पर्यावरण सुरक्षा और स्थानीय निवासियों के हितों को संरक्षित करना है।

भू.परिवर्तन पर रोक क्यों, क्या होगें इसके असर

कृषि भूमि का भू.परिवर्तन बढ़ती शहरीकरण और औद्योगिकीकरण के कारण एक गंभीर समस्या बन गया है। कई जगहों पर कृषि भूमि को आवासीय व्यावसायिक या औद्योगिक उपयोग में बदलने की कोशिश की जाती है, जिससे न केवल कृषि उत्पादन प्रभावित होता हैए बल्कि पर्यावरणीय संतुलन भी गड़बड़ा जाता है। इसके अलावा भूमि के अंधाधुंध परिवर्तन से जलवायु परिवर्तन भू.जल स्तर में कमी और प्रदूषण जैसे गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। तहसील क्षेत्र के 52 गांवों की जमीनों के भू-परिवर्तन पर रोक लगा दी गई। इन गांवों की जमीनों का अधिग्रहण ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे के लिए किया जाना है। इसके लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से अधिग्रहण अधिसूचना जारी की गई है। उप निबंधक बीकापुर अमृता जायसवाल ने बताया कि सक्षम प्राधिकारी अरुण मणि तिवारी का पत्र आया है। इसमें राष्ट्रीय राजमार्ग में पड़ने वाले गांवों के संबंध में भूमि परिवर्तन पर रोक लगाई गई है, जिसे ध्यान में रखकर कार्यवाही की जा रही है। वहीं तहसील और उप निबंधक कार्यालय में सूची आने के बाद संबंधित गांव के किसानों में हलचल है। सभी गांव अयोध्या प्रयागराज हाईवे से पूरब दिशा में तीन से पांच किलोमीटर की परिधि में आ रहे है। यहां कुछ महीने पहले कटका सुलतानपुर से अयोध्या तक करीब 150 मीटर की चौड़ाई में सिक्सलेन के लिए ड्रोन से सर्वे हो चुका है।

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52 गांवों की जमीनों के भू.परिवर्तन पर रोक

सरकार ने इन 52 गांवों की भूमि के भू.परिवर्तन पर रोक लगाकर इन समस्याओं को नियंत्रित करने की कोशिश की है। यह कदम स्थानीय पर्यावरण को सुरक्षित रखने और किसानों की भूमि को बचाने के लिए लिया गया है। अयोध्या धाम से सुल्तानपुर तक निकलने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-330, अयोध्या-सुल्तानपुर के फोरलेन एक्सेस कंट्रोल्ड हाई स्पीड कॉरिडोर के निर्माण की कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए होने वाले भूमि अधिग्रहण की जद में बीकापुर तहसील क्षेत्र के 39, सदर तहसील के पांच और सोहावल तहसील के आठ गांवों का प्रस्ताव भेजा गया है। इस संदर्भ में अपर जिलाधिकारी भू अभिलेख अरुण मणि तिवारी ने संबंधित तहसीलदार और उप निबंधक को पत्र भेजा है। इस फैसले से उन गांवों की कृषि भूमि सुरक्षित रहेगी जो खाद्य सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। कृषि भूमि के संरक्षित रहने से किसानों को अपनी भूमि का उपयोग स्थिरता से करने का अवसर मिलेगा और कृषि उत्पादन प्रभावित नहीं होगा। संबंधित गांव के भू उपयोग में कोई परिवर्तन न करने का आदेश जारी किया गया है। पत्र मिलने के बाद बीकापुर तहसील के 39 गावों के जमीन के क्रय-विक्रय पर रोक लगाई गई है। हालांकि स्थानीय अधिकारी अभी असमंजस में हैं। अपर जिलाधिकारी की ओर से जारी सूची में सुल्तानपुर सीमा पर स्थित चौरे चदौली, रंडौली पश्चिम पाली, बैतीकला, कुरेभारी, रामनगर, रतनपुर तेंदुआ, गोविंदपुर, रूपीपुर बझना, भवनाथपुर, प्रानपुर, किलहना, बसंतपुर, पूरे लाला, दुबावां, मानापुर, नंदरौली, तोरोमाफी, मलिकपुर, ककराही, बासदेवपुर, पातूपुर, गुंधौर, दशरथपुर, तारडीह, परोमा, जेरुआ, भावापुर, बबुरिहा कौंधा, जैनपुर, खजुरहट, गंडई, शाहापारा, गौहानी कला, माझा सोनौरा, गौहनिया शामिल है। जबकि सदर तहसील के सूखापुर इटौरा, बिरौली, भदोखर, शिवदासपुर, खानपुर, सोहावल तहसील के मधुपुर, पलिया रिसाली, रैथुआ, अबनपुर सरोहा, धर्मदासपुर, खानपुर मसौधा, पिरखौली शामिल हैं।

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