यूपी में सरकार का बड़ा फैसला, नगर पंचायत और नगर पालिका को मिली बड़ी जिम्मेदारी

यूपी में राज्य सरकार ने करोड़ों रुपए तक निर्माण और इंफ्रास्ट्रक्चर कार्य को खुद करने की अनुमति की स्वीकृति प्रदान कर चुकी है. सरकार के इस निर्णय से स्थानीय निकायों को तेजी से विकास कार्य करने का और स्थानीय तात्कालिक आवश्यकताओं को समय रहते पूरा करने में सक्षम बनाएगा. अब इसमें प्रशासनिक देरी कम होगी तथा जीवानोपयोगी सुविधा जनता के करीब पहुंच पाएगी.
जानिए राज्य सरकार का क्या है बड़ा ऐलान
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने नगर निकाय को लेकर बड़ा अपडेट दिया है जिसमें राज्य सरकार ने कहा है कि नगर विकास विभाग ने वर्ष 2021 में जारी मानक संचालन प्रावधान में व्यापक संशोधन किया गया है जिसमें संचालन प्रावधान को अधिक सरल और जवाब दे ही बनाया गया है. अब इसके अंतर्गत नगर पंचायत एक करोड रुपए की धनराशि और नगर पालिका परिषद दो करोड रुपए की राशि के निर्माण कार्य को अब स्वयं कर सकती है
अब इस निर्माण कार्य को करने के लिए किसी की इजाजत या कोई भी प्रकार का बाधा उत्पन्न नहीं हो पाएगा इसके साथ-साथ नगरीय निकायों द्वारा राशि संबंधित ठेकेदार तथा प्रशासनिक अधिकारी से वसूलने का भी प्रावधान की योजना की तैयारी है इसमें अब अतिरिक्त रूप से नगरीय निकायों की विकास प्रक्रिया को तीव्र गति करने के लिए तकनीकी और डिजिटल का उपयोग करके अब इस योजना में जोर दिया जाएगा. इसी बीच नगर विकास विभाग ने नगरीय निकायों के निर्माण कार्य और विकास कार्यों व्यापक गड़बड़ी और गुणवत्ता में कमी के लिए संबंधित ठेकेदार और अभियंता तथा प्रशासनिक अधिकारी की जवाबदेही को नए सिरे से तय करवाया जाएगा.
इन सड़कों के निर्माण कार्य में नई तकनीकी का उपयोग
इसमें एसओपी में किए गए प्रमुख संशोधन के अंतर्गत किसी भी निर्माण कार्य और विकास कार्य गुणवत्ता की कमी और मापन में त्रुटि के कारण यदि अतिरिक्त रूप से भुगतान किया जाता है तो उसकी वसूली संबंधित ठेकेदार और 50% तथा शेष 50 प्रतिशत राशि अभियंता और प्रशासनिक अधिकारियों से वसूल कर लिया जाएगा जिसमें वसूली की प्रावधान डीएम द्वारा निर्धारित और संचालित की जाएगी यदि वसूली नहीं हो पाई तो इसे भू राजस्व की तरह वसूलने का कार्य किया जाएगा.

इसी बीच एसओपी में किया गया संशोधन में नगरीय निकायों द्वारा विकास कार्य के लिए आधुनिक तकनीकी के इस्तेमाल पर भी अब जोर दिया गया है. अब इसके अंतर्गत नगरीय निकाय की 3.75 मीटर से अधिक चौड़ी सड़क का निर्माण के लिए एफडीआर डिजिटल तकनीकी का प्रयोग करवाया जाएगा जिसमें इसके साथ-साथ सड़क सीसी रोड और डुमरीकृत युक्त बनाई जाएगी इसके साथ-साथ 3.75 मीटर तक और चौड़ी सड़क पर इंटरलाकिंग टाइल्स का भी उपयोग करवाया जा सकेगा. इसी बीच नगर विकास विभाग ने प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने बताया है कि एसओपी मैं संशोधन से स्थानीय नगरीय निकायों को न केवल वित्तीय स्वायत्तता मिल पाएगी अपितु विकास कार्यों की गुणवत्ता और पारदर्शिता भी सुनिश्चित की जाएगी अब नगरीय प्रशासन को जनहित में अधिक प्रभावी बनाया जाएगा.