यूपी में बनेंगे 4 नये एक्सप्रेस वे , इन जिलो को होगा फायदा
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उत्तर प्रदेश की रोड कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाने के लिए सरकार की तरफ से उत्कृष्ट प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश में कई रोड इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रोजेक्टों पर काम चल रहा है। हाल ही में मिली जानकारी के अनुसार एक नई लाइन बनाने के लिए गांव की जमीन खरीद दी जाएगी। सरकार के इस फैसले से लोगों को आसानी से और कम पैसे में जाना होगा।
उत्तर प्रदेश के इन जिलों में बिछेगी
यूपी योगी सरकार गुरुवार को यूपी का अब तक का सबसे बड़ा बजट पेश करेगी। करीब 8.10 लाख करोड़ रुपये के इस बजट का फोकस इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं, सामाजिक पेंशन, गरीब, युवा, किसान, धार्मिक पर्यटन और महिलाओं के उत्थान पर होगा। अगले वर्ष होने वाले पंचायत चुनाव की तैयारियों की झलक भी बजट में देखने को मिलेगी। बजट में 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि विकास योजनाओं के लिए आवंटित की जा सकती है। उन्होंने बताया कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से गंगा एक्सप्रेसवे को कनेक्ट करने के लिए नया लिंक एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा। 90.83 किलोमीटर लंबे इस लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण पर 4837.64 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। प्रवेश नियंत्रित छह लेन का यह ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे वे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे जंक्शन के पास इटावा के कुदरैल से शुरू होगा और फर्रुखाबाद होते हुए हरदोई में समाप्त होगा। सरकार ने बजट में इसके लिए 900 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि सरकार प्रदेश में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए सड़कों की कनेक्टिविटी को और मजबूत कर रही है। औद्योगिक विकास के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 36 लाख करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए थे। इनमें से 6.50 लाख करोड़ से अधिक का निवेश प्रदेश में आ चुका है। लखनऊ में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) सिटी के विकास के लिए पांच करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। साइबर सुरक्षा में टेक्नोलॉजी ट्रांसलेशन रिसर्च पार्क की स्थापना के लिए तीन करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है।
सड़क, गांव और आस्था पर रहेगा योगी सरकार का फोकस
उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेसवेज की कनेक्टिविटी और बेहतर की जाएगी। गुरुवार को विधानमंडल में पेश किए गए बजट में सरकार ने चार नए एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए 1,050 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। इन एक्सप्रेसवेज के निर्माण के बाद तीन प्रमुख तीर्थ स्थलों काशी, प्रयागराज व हरिद्वार की कनेक्टिविटी में सुधार होगा। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) की तरफ से इनका निर्माण कराया जाएगा। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के साथ डिफेंस इंडस्ट्रियल कारीडोर परियोजना के लिए 461 करोड़ रुपये का प्रविधान भी सरकार ने किया है। इस परियोजना के अंतर्गत लगभग 9.5 हजार करोड़ रुपये का निवेश अनुमानित है। इसके अलावा सरकार ने मेरठ को हरिद्वार से जोड़ने को लेकर गंगा एक्सप्रेसवे के विस्तारीकरण के लिए 50 करोड़ रुपये रखे हैं। इसके निर्माण के बाद गंगा एक्सप्रेसवे से काशी, प्रयागराज और हरिद्वार तीन तीर्थ स्थल जुड़ जाएंगे। 594 किलोमीटर लंबी गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना पर 36,230 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसे वाहनों की 120 किलोमीटर की रफ्तार के हिसाब से डिजाइन किया गया है। साथ ही बुंदेलखंड रीवा एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए सरकार ने बजट में 50 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। वहीं, गंगा एक्सप्रेस-वे को प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, चंदौली होते हुए सोनभद्र से जोड़ने के लिए विन्ध्य लिंक एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जाएगा। 320 किलोमीटर के इस लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण पर करीब 22,400 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। यह एक्सप्रेसवे गंगा एक्सप्रेसवे के अंतिम बिंदु प्रयागराज से शुरू होकर सोनभद्र स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग-39 पर समाप्त होगा। इसका निर्माण होने के बाद मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ व झारखंड के साथ उत्तर प्रदेश की रोड कनेक्टिविटी बेहतर होगी। सरकार ने बजट में इसके लिए 50 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। बजट में करीब 3000 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि का आवंटन लिंक एक्सप्रेस.वे निर्माण के लिए किया जा सकता है। ऊर्जा सेक्टर के लिए करीब 45.000 करोड़ रुपये से अधिक का बजट आवंटन होने की उम्मीद है। इसमें एक बड़ी धनराशि किसानों को सिंचाई के लिए दी जाने वाली मुफ्त बिजली की सब्सिडी के रूप में दी जाएगी। सड़कों के चौड़ीकरण नई सड़कों और पुलों के निर्माण के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग को 40.000 करोड़ रुपये से अधिक का बजट आवंटित किया जा सकता है।