UP Politics: यूपी की इस सीट पर आज तक नहीं जीत पाई सपा, 2022 के चुनाव में 1 हजार वोट से मिली थी हार
UP Vidhan Sabha Chunav 2027
Nakur Vidhan Sabha Seat
समाजावादी पार्टी आज तक कभी नहीं जीत पाई ये सीट

UP Assembly Election 2027 :उत्तर प्रदेश में साल 2027 में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है. फिलहाल राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है. साल 2017 में पहली बार बीजेपी ने प्रचंड बहुमत हासिल कर के चुनाव जीता था. फिर साल 2022 के चुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल की थी. समाजवादी पार्टी ने लगातार दूसरा चुनाव हार चुकी है. 2027 के चुनाव में बीजेपी और सपा, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस में लड़ाई मानी जा रही है.
भारतीय बस्ती प्रकाशन आपके लिए चुनाव से दो पहले एक खास चुनावी सीरीज लाया है जिसमें आपको राज्य की सभी 403 सीटों के बारे में सिलसिलेवार जानकारी दी जाएगी.
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आज हम आपको बताएंगे सहारनपुर जिले की नाकुर विधानसभा के बारे में. यह विधानसभा सीट कैराना लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आती है.
नाकुर विधानसभा सीट पर पहला चुनाव साल 1952 में हुआ था. इस सीट पर आखिरी बार साल 2002 के चुनाव में कांग्रेस ने जीता था. कांग्रेस अभी तक कुल 8 बार जीत चुकी है. वहीं भारतीय जनता पार्टी ने पहला बार साल 2022 में इस सीट अपना खाता खोला था. समाजवादी पार्टी अभी तक इस सीट पर इलेक्शन नहीं जीत पाई है. वहीं बीजेपी सिर्फ 1 बार जीत पाई है.
ऐसे में सभी दलों के लिए इस सीट पर चुनौती है. हम यहां साल 2012, 2017 और 2022 के चुनाव परिणामों का विश्लेषण करेंगे.
साल 2012 में जीती थी बसपा!
2012 के चुनाव की बात करें तो इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी के धर्मपाल सैनी ने जीता हासिल की और कांग्रेस के इमरान मसूद नंबर 2 पर थे. सपा के फिरोज आफताब नंबर तीन और बीजेपी के मेला राम नंबर 5 पर थे. चौथे नंबर पर निर्दल गौविंद चौधरी थे.
साल 2017 के विधानसभा चुनाव?
साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के धर्म सिंह सैनी ने जीत हासिल की थी. 2017 के चुनाव से पहले वह बीजेपी में शामिल हो गए थे. वहीं कांग्रेस के इमरान मसूद तब भी नंबर 2 पर थे और बसपा के नवीन चौधरी नंबर 3 पर. साल 2017 में सपा और कांग्रेस के गठबंधन में नाकुर सीट कांग्रेस के पास थी.
2022 के विधानसभा चुनाव में क्या हुआ है?
2022 के चुनाव में बीजेपी के मुकेश चौधरी ने जीत हासिल की.इस चुनाव में धर्म सिंह सैनी सपा में आए और लगभग 1000 वोट से चुनाव हार गए. वहीं बसपा के साहिल तीसरे पर रहे. इसके अलावा AIMIM की रिजवाना चौथे नंबर पर रहीं. माना जाता है कि इस सीट पर aimim की मौजूदगी ने सपा के हाथ से जीत छीन ली.
पांच बार जीते निर्दलीय
इस सीट पर अभी तक 1967, 1969, 1989, 1991, 1996 पांच बार निर्दलीय जीते हैं. ऐसे में यह भी नहीं जा सकता है कि जनता सिर्फ दलीय राजनीति करने वालों का समर्थन करती है बल्कि निर्दलीय भी उसके मन में रहते हैं.
2027 में क्या होगा?
साल 2027 में क्या होगा यह तो परिणाम में ही पता चलेगा लेकिन बहुत सारी चीजें दलों के गठबंधन पर निर्भर करेंगी.