राजस्थान रॉयल्स का चौंकाने वाला फैसला! क्या संजू सैमसन अब नहीं होंगे कप्तान?

राजस्थान रॉयल्स ने आईपीएल 2025 के शुरुआत से पहले एक बड़ा फैसला लिया है, जिसने सभी को चौंका दिया है। टीम ने अपने नियमित कप्तान संजू सैमसन की जगह एक युवा खिलाड़ी रियान पराग को कप्तानी की जिम्मेदारी सौंपी है। यह फैसला सिर्फ शुरुआती तीन मैचों के लिए लिया गया है, लेकिन अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है। इस कदम ने आईपीएल में एक नई चर्चा को जन्म दे दिया है, क्योंकि रियान पराग अब विराट कोहली के बाद आईपीएल इतिहास के सबसे युवा कप्तानों की सूची में शामिल हो गए हैं।
राजस्थान रॉयल्स ने रियान पराग को अपने शुरुआती तीन मैचों के लिए कप्तान नियुक्त किया है। 23 वर्षीय यह युवा ऑलराउंडर 23 मार्च को सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ अपना पहला मुकाबला कप्तान के रूप में खेलेगा। इसके बाद वह 26 मार्च को गत चैंपियन कोलकाता नाइट राइडर्स और 30 मार्च को पांच बार की चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ भी टीम की अगुवाई करेगा।
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राजस्थान रॉयल्स के प्रबंधन का मानना है कि रियान पराग ने असम के कप्तान के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान घरेलू टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया है। इसके अलावा, वह राजस्थान रॉयल्स के साथ कई सालों से जुड़े हुए हैं और उनकी टीम की गतिशीलता को समझने की क्षमता बेहतरीन है। रॉयल्स का मानना है कि रियान पराग का हालिया फॉर्म भी उनकी कप्तानी के फैसले को मजबूत बनाता है।
रियान पराग ने अब तक 70 आईपीएल मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 1173 रन बनाए हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 84 नॉटआउट रहा है, औसत 24 का और स्ट्राइक रेट करीब 140 के आसपास है। लेकिन 2024 का आईपीएल सीजन उनके लिए सबसे खास रहा, जिसमें उन्होंने 16 मैचों में 52 की औसत से 573 रन बनाए और उनका स्ट्राइक रेट लगभग 150 का रहा।
राजस्थान रॉयल्स प्रबंधन का मानना है कि इस युवा खिलाड़ी में टीम की कप्तानी करने की पूरी क्षमता है। रियान पराग का चयन यह दिखाता है कि टीम प्रबंधन उन पर पूरा भरोसा कर रहा है और उनकी नेतृत्व क्षमता को सम्मानित कर रहा है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या रियान पराग इस मौके को भुनाने में सफल होते हैं और अपनी कप्तानी से राजस्थान रॉयल्स को नई ऊंचाइयों तक ले जा पाते हैं या नहीं। संजू सैमसन की पूरी तरह से फिट होने के बाद वह फिर से कप्तान की भूमिका निभाएंगे, लेकिन तब तक रियान पराग को टीम का नेतृत्व करने का मौका मिल चुका होगा।
राजस्थान रॉयल्स का यह फैसला काफी साहसी और भविष्य की सोच को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। अब देखना होगा कि क्या यह निर्णय टीम को फायदा पहुंचाता है या नहीं।