बिजनौर की ब्यूटी पार्लर में काम करने वाली लड़की की हत्या: 9 साल के रिश्ते का खौफनाक अंत

उत्तर प्रदेश के बिजनौर ज़िले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। एक 24 वर्षीय युवती, जो ब्यूटी पार्लर में काम करती थी, 10 मई को रोज़ की तरह अपने काम पर निकली, लेकिन वापस कभी घर नहीं लौटी।
16 मई को जब परिवार वालों को कुछ समझ नहीं आया, तो उन्होंने थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। दो दिन बाद, 18 मई को पुलिस को एक युवती की लाश बरामद हुई। 19 मई को उसकी पहचान उसी गुमशुदा लड़की के रूप में हुई।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने जांच तेज की। परिवार की ओर से दर्ज शिकायत में एक युवक का नाम लिया गया था—जो पड़ोस के गांव का रहने वाला था। शुरुआती पूछताछ में वह युवक बार-बार अपना जुड़ाव नकारता रहा, लेकिन जब पुलिस ने सख्ती दिखाई, तो उसने पूरी सच्चाई उगल दी।
युवक ने बताया कि वह 2016 से पीड़िता से प्रेम करता था। दोनों के बीच लंबे समय से संबंध थे और वह उससे शादी करना चाहता था। लेकिन लड़की की राय कुछ और थी। उसने युवक से कहा कि जब तक उसके पास सरकारी नौकरी नहीं होगी, वह उससे शादी नहीं कर सकती।
10 मई को युवक ने उसे अपने घर बुलाया और फिर शादी के लिए दबाव डाला। लड़की ने साफ इनकार कर दिया और घर से निकलने लगी। इसी दौरान युवक ने गुस्से में उसका रास्ता रोका, खींचकर वापस घर लाया और झगड़े के दौरान उसकी हत्या कर दी।
इस पूरी वारदात में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि हत्या के बाद युवक के माता-पिता ने भी उसकी मदद की। लाश को छुपाने और ठिकाने लगाने में पूरा परिवार शामिल रहा।
पुलिस ने आरोपी युवक, उसकी मां और पिता—तीनों को गिरफ्तार कर लिया है। तीनों को जेल भेज दिया गया है और आगे की कानूनी प्रक्रिया चल रही है।
यह घटना कई गंभीर सवाल खड़े करती है:
क्या किसी लड़की के शादी से इनकार करने का मतलब उसकी जान लेना है?
क्या अब भी समाज में प्रेम और विवाह के फैसले इतने एकतरफा और हिंसक हो सकते हैं?
और सबसे बड़ा सवाल—क्या अब भी ऐसे अपराधों में परिवार के लोग शामिल होकर अपराध को बढ़ावा दे रहे हैं?
यह सिर्फ एक हत्या नहीं, एक सोच की त्रासदी है। रिश्ते जहां भरोसे पर टिके होते हैं, वहीं अगर ज़बरदस्ती और अधिकार की भावना हावी हो जाए, तो उसका अंजाम कितना भयानक हो सकता है—यह घटना उसका उदाहरण है।