यूपी में इस रूट पर बिछेगी नई रेल लाइन, ट्रेनों की बढ़ेगी स्पीड

उत्तर प्रदेश: उत्तर भारत के रेलवे ढांचे को सशक्त बनाने की दिशा में बड़ी पहल करते हुए रेलवे विकास निगम लिमिटेड ने बरेली से चंदौसी होते हुए अलीगढ़ और चंदौसी से मुरादाबाद तक की रेल लाइनों के दोहरीकरण की तैयारी पूरी कर ली है. परियोजना की रूपरेखा तैयार हो चुकी है और आवश्यक सर्वेक्षण से लेकर तकनीकी औपचारिकताएं पूरी की जा चुकी हैं. अब इस महत्वाकांक्षी कार्य की शुरुआत वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 में किए जाने की पूरी उम्मीद है.
इन दोनों रेल रूटों के दोहरीकरण की स्वीकृति केंद्र सरकार द्वारा 2 वर्ष पूर्व प्रदान की गई थी, लेकिन कुछ कारणों से निर्माण कार्य की शुरुआत नहीं हो सकी. हालांकि 2023-24 के बजट में इन योजनाओं को आवश्यक वित्तीय आवंटन प्रदान कर दिया गया था. इस बार रेलवे मंत्रालय ने नई परियोजनाओं की घोषणा से अधिक, पहले से स्वीकृत योजनाओं को प्राथमिकता देने की नीति अपनाई है. बरेली से चंदौसी की दूरी 69 किलोमीटर, चंदौसी से अलीगढ़ 168 किलोमीटर और चंदौसी से मुरादाबाद की दूरी लगभग 45 किलोमीटर है. पूरे प्रोजेक्ट को 3 चरणों में पूरा किया जाएगा. निर्माण कार्य की शुरू होने की तारीख अभी जारी नहीं हुई है, परंतु तैयारियों की रफ्तार को देखते हुए माना जा रहा है कि आगामी महीनों में कार्य आरंभ हो जाएगा.
वर्तमान में बरेली-चंदौसी-अलीगढ़ और चंदौसी-मुरादाबाद रूट पर केवल एकल रेल लाइन संचालित है, जिसके कारण इन रूटों पर ट्रेनों की संख्या सीमित रहती है. दोहरीकरण के बाद न केवल ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा सकेगी, बल्कि रेल यातायात की गति और समयबद्धता में भी सुधार होगा. विशेष रूप से अलीगढ़ जैसे प्रमुख जंक्शन तक डबल लाइन की उपलब्धता से उत्तर भारत को पश्चिमी और दक्षिण भारत के विभिन्न क्षेत्रों से सीधा और सुगम कनेक्शन मिलेगा. रेल मंत्रालय का ध्यान अब इज्जतनगर मंडल के अंतर्गत आने वाली कासगंज-मथुरा रेल लाइन की ओर भी गया है. यह 105 किलोमीटर लंबी रूट अभी तक सिंगल लाइन पर निर्भर है, लेकिन 2025 के बजट में इसके दोहरीकरण के लिए भी मंजूरी मिल चुकी है. सीनियर डीसीएम संजीव शर्मा ने जानकारी दी कि इस रूट के दोहरीकरण के लिए सर्वे प्रक्रिया जल्द प्रारंभ की जाएगी. इस कार्य के पूरा होने से कासगंज से मथुरा के रास्ते दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत की ओर रेल संपर्क और आसान हो जाएगा.