नज़रिया: रोजगार की खातिर फिर पलायन को मजबूर

 नज़रिया: रोजगार की खातिर फिर पलायन को मजबूर
Opinion Bhartiya Basti 2

डॉ अजय पाण्डेय
कोरोना संकट में पहले लॉकडाउन और फिर हुए अनलॉक के बाद से देश की अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगी है. शहरों के साथ-साथ देश के ग्रामीण इलाकों में भी लोग पुरानी दिनचर्या में वापस लौट आए हैं. लेकिन इन सब में सबसे अधिक मज़दूर तबका ही ऐसा प्रभावित हुआ है, जिसका जीवन अभी भी पूरी तरह से पटरी पर लौट नहीं सका है. दो वक्त की रोटी की जुगत में लॉक डाउन में लौटे मजदूर अब फिर सुबह से शाम जद्दोजहद कर रहे हैं, फिर भी परिवार की ज़रूरतों को पूरी करना इनके लिए मुश्किल हो रहा. रोजाना हो रही दिक्कतों से अब इन मजदूरों को एक बार फिर से घर से हजारों किलोमीटर दूर जिस अंजान शहर में रहकर परिवार का पेट पाल रहे थे, उसकी याद आने लगी है. अपने गांव क्षेत्र के आस-पास रोजगार की समस्या और कम मेहनताना के चलते इनके कदम फिर दूसरे प्रदेशों की ओर बढ़ने लगे हैं.

लॉक डाउन के दौरान प्रवासी मजदूर बड़ी मुश्किल से कई प्रकार के जतन कर इस उम्मीद में अपने-अपने गांव लौटे थे कि यहां कुछ भी करके परिवार वालों के साथ जीवन-यापन कर लेंगे. अपेक्षा के अनुरूप मजदूरी का काम नहीं मिलने पर ज्यादातर गांवों से यह मजदूर काम की तलाश में फिर दूसरे राज्यों की ओर पलायन करना शुरू कर दिया है. उन्हें उम्मीद है कि वहां वापस जाकर कर उचित मजदूरी का काम मिलेगा जिससे वह अपने परिवार का अच्छी तरह से भरण-पोषण कर सकेंगे. इसलिए हम बड़े-बड़े शहरों की ओर रुख करते हैं. 

यह भी पढ़ें: IPL 2025: पंजाब VS दिल्ली का मैच बीच में रुका, बाहर निकाले गए लोग, जानें वजह

हालांकि कुछ ऐसे भी हैं जो अब तक जाने का नहीं सोचे हैं और अपने गांव क्षेत्र में ही परिवार के बीच रहकर छोटा काम करके गुजारा कर रहे हैं. अपने गांव में ही रह कर छोटे-छोटे काम के साथ-साथ क्षेत्र के आस-पास के अन्य गांवों में हाट-बाजारों में जाकर दुकान लगाते हैं. लेकिन यहां किसी दिन कमाई होती है तो किसी दिन नहीं होती. 

Read Below Advertisement

मजदूरों के एक बार फिर पलायन का एक अन्य पहलू यह भी है कि बड़ी संख्या में मजदूरों के अपने-अपने राज्य लौट जाने से दूसरे प्रदेशों में काम प्रभावित होने लगा है. बाहर जाकर मजदूरी करने पर मजदूरों को एक दिन की दिहाड़ी करीब 300 से 400 रुपए तक मिल जाती थी. जो यहां मनरेगा में इसका आधा भी नहीं मिल रहा है. वर्तमान में मनरेगा में एक दिन के हिसाब से 202 रुपए मजदूरी मिलता है. बाहर जाकर मजदूरी करने पर यही राशि दोगुनी हो जाती है. गांव में वर्तमान में प्रति व्यक्ति मजदूरी दर 150 से 200 रुपये है. वहीं बाहर 300 से 400 रुपये तक एक दिन में मिलते है. इसलिए बड़े शहरों में जाकर एकमुश्त पैसे लेकर आने से घर के कार्यों में बहुत सहुलियत हो जाती है. साथ ही अन्य राज्यों में काम पर बुलाने वाले कंपनी ठेकेदार मजदूरों को आने-जाने का किराया, रहने व खाने-पीने की सुविधाएं भी उपलब्ध करवा देते हैं, इससे भी उनका बहुत पैसा बच जाता है.

मजदूर बताते हैं कि परिजन बाहर काम करने नहीं जाने देते लेकिन ज्यादातर लोग अधिक पैसे के लालच में चोरी-छिपे गांव से चले जाते है मजदूरों को मनरेगा के तहत् गांवों में रोजगार दिया जा रहा है, इसके बावजूद कुछ मजदूर अन्य जगह कार्य करने जा रहे हैं, इसे रोकना संभव नहीं है. हालांकि इसकी जानकारी स्थानीय स्तर पर पंचायत सचिव के माध्यम से रखी जाती है. सरकार रोज़गार के अवसर सृजित करने और प्रवासी मजदूरों को स्थानीय स्तर पर रोज़गार उपलब्ध कराने के दावे भी करती है, लेकिन हकीकत इसके विपरीत है. मनरेगा कार्य कई जगहों पर शुरू हो चुके हैं तो कई जगहों पर नहीं. कुछ जगहों पर तो मशीनों से ही मजदूरों का काम करवा दिया गया है. यही कारण है कि मजदूरों को स्थानीय स्तर पर काम नहीं मिल रहा और पलायन ही एकमात्र उपाय दिख रहा है.

बहरहाल, लॉक डाउन में मज़दूरों के घर लौटने की स्थिति को पूरे देश ने देखा है, शायद मजदूरों की जिंदगी का वह सबसे कठिन दौर रहा. बावजूद अब एक बार फिर श्रमिक उन्हीं राज्यों और शहरों की ओर लौटने लगे हैं जहां से वह लॉक डाउन के वक्त बुरा अनुभव लेकर लौटे थे. ऐसे में उनकी समस्या और पुनः पलायन की मजबूरी की गंभीरता को आसानी से समझा जा सकता है. इस दिशा में सरकार को भी गंभीरता से विचार करके विशेष पहल करने की आवश्यकता है ताकि मज़दूरों को स्थानीय स्तर पर पर्याप्त रोजगार मिले और उन्हें पलायन करने की जरूरत भी न हो. (यह लेखक के निजी विचार हैं.)

On

ताजा खबरें

गोरखपुर में अब इस जगह से नहीं मिलेंगी बस, जगह में परिवर्तन
सिद्धार्थनगर से जुड़ी नेपाल सीमा पर भी चौकस
वाराणसी एयरपोर्ट को लेकर अपडेट, इस तरह बनेगा मुख्य टर्मिनल भवन
यूपी के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ में परीक्षाएं टलीं, जानें अब कब होंगे Exams?
विराट कोहली का टेस्ट भविष्य खतरे में? रोहित शर्मा के बाद अब अगला नंबर विराट का?
धर्मशाला में IPL मैच के दौरान ब्लैकआउट, पंजाब किंग्स बनाम दिल्ली कैपिटल्स का मुकाबला बीच में रोका गया — भारत-पाक सीमा पर तनाव के चलते फैसला
यूपी के इस जिले में नक्शा पास कराना हुआ आसान, तैयार हो रहा सॉफ्टवेयर
IPL 2025: पंजाब VS दिल्ली का मैच बीच में रुका, बाहर निकाले गए लोग, जानें वजह
यूपी के सभी रेलवे स्टेशन पर कड़ी सुरक्षा, अधिकारियों को निर्देश जारी
गोरखपुर से फिर प्रभावित होंगी ट्रेन, होगा यह काम