परमवीर चक्र विजेता Veer Abdul Hameed को किया याद
मुख्य अतिथि कर्नल के.सी. मिश्र ने कहा कि दुनिया का हर युद्ध हार-जीत के साथ ही अपने पीछे उन सैनिकों की कहानियां भी छोड़ जाता है जिसे सुनने के लिए वे हमारे बीच मौजूद नहीं रहते.
वीर अब्दुल हमीद (Veer Abdul Hameed)) जिनका जन्म एक जुलाई 1933 को धामुपुर गाजीपुर में हुआ था, भारत के ऐसे ही शूरवीरों में से एक थे जिनके बलिदान की कहानी आज हमें प्रेरणा देती है.
Veer Abdul Hameed पर बोले वीके वर्मा
डा. वी.के. वर्मा ने कहा कि वीर अब्दुल हमीद यूपी के अकेले ऐसे शहीद हैं, जिन्हें सर्वोच्च सैनिक सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया जा चुका है.
देश पर मरने वाले वीर सपूतों का जब भी नाम लिया जाता है तो गाजीपुर के मरणोपरांत परमवीर चक्र विजेता शहीद अब्दुल हमीद का नाम बरबस ही होंठों पर आ जाता है.
1962 में चीन के साथ हुए युद्ध में उन्होंने दुश्मनों का खूब लोहा लिया था और फिर 1965 में पाकिस्तान के साथ हुई जंग में अमेरिका निर्मित अजेय सात पैटेन टैंक को हथगोले से उड़ाने में 10 सितम्बर 1965 को वे शहीद हो गये.
शहीद Veer Abdul Hameed प्रेरणा स्रोत
वरिष्ठ साहित्यकार डा. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’ ने कहा कि वीर अब्दुल हमीद जैसे अमर शहीद सदैव युवा पीढी के लिये प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे.
सत्येन्द्रनाथ मतवाला ने कहा कि वीर अब्दुल हमीद ने कठिन परिस्थिति में देश का मान रखने के लिये अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया.
कार्यक्रम में डा. वाहिद अली सिद्दीकी, राम मूर्ति चौधरी, श्याम प्रकाश शर्मा, डा. पारस वैद्य, बटुक नाथ शुक्ल, डा. पंकज कुमार सोनी, ओम प्रकाश चौधरी, अतुल कुमार सोनी, नीलम सिंह, विनय कुमार श्रीवास्तव, आदि ने वीर अब्दुल हमीद के जीवन वृत्त पर अपना विचार व्यक्त किया.
रचनाकारों ने अपनी रचनायें पढी. आयोजक मो. सामईन फारूकी ने आगन्तुकों के प्रति आभार व्यक्त किया.
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