1.86 लाख किसानों का पैसा अटक सकता है, यूपी में पीएम किसान योजना पर संकट!

उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश में स्थित मिर्जापुर जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत अब तक 3,82,792 किसानों का नाम दर्ज किया जा चुका है. लेकिन इनमें से केवल 1,96,222 किसानों ने ही फार्मर रजिस्ट्री करवाई है. यह आंकड़ा कुल लक्ष्य का केवल 51.65% है.
अगर बाकी किसान जल्द ही फार्मर रजिस्ट्री नहीं कराते, तो करीब 1.86 लाख किसान इस योजना की अगली किस्त पाने में असमर्थ रह सकते हैं. इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए जिले के प्रभारी उप कृषि निदेशक और जिला कृषि अधिकारी डॉ. अवधेश कुमार यादव ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए और किसानों को जागरूक किया जाए.
हर तहसील में रजिस्ट्रेशन की रफ्तार अलग-अलग रही:-
- सदर तहसील में 1,53,175 किसानों में से केवल 77,375 यानी 50.90% ने रजिस्ट्री करवाई है.
- चुनार में 1,19,082 में से 63,609 (53.84%).
- मड़िहान में 46,438 में से 31,244 (49.09%).
- लालगंज में 64,097 में से 31,463 (51.65%) किसानों ने ही रजिस्ट्रेशन करवाया है.
विकासखंडों में भी फार्मर रजिस्ट्री की संख्या कम रही:-
- वारसीखड़: 15,717 में से 6,752
- नरायनपुर: 40,540 में से 17,524
- जमालपुर: 41,938 में से 18,431
- मझवां: 22,206 में से 9,891
- पहाड़ी: 25,317 में से 11,752
- सिटी क्षेत्र: 39,669 में से 17,978
- कोन: 17,670 में से 7,019
- छानबे: 48,968 में से 17,242
- मड़िहान: 27,140 में से 12,538
- राजगढ़: 39,713 में से 17,501
- लालगंज: 25,157 में से 11,330 किसान ही अब तक फार्मर रजिस्ट्री करा पाए हैं.
सीएससी प्रभारी रामेंद्र शुक्ला ने जानकारी दी कि किसान जनसेवा केंद्र (CSC) पर जाकर फार्मर रजिस्ट्री करवा सकते हैं. इसके लिए उन्हें अपनी खतौनी, आधार कार्ड, बैंक पासबुक और मोबाइल नंबर साथ ले जाना होगा.
भारत सरकार की एग्रीस्टैक योजना के अंतर्गत किसानों की डिजिटल पहचान बनाने की प्रक्रिया चल रही है. इसमें फार्मर रजिस्ट्री के मध्यम से किसानों की जानकारी डिजिटल रिकॉर्ड में दर्ज की जा रही है.
इसके अंतर्गत शामिल होने वाली जानकारी:-
- किसान का नाम
- पिता का नाम
- जमीन की गाटा संख्या
- अगर किसान साझेदार है तो जमीन में उसका हिस्सा
- आधार संख्या, मोबाइल नंबर
- और ई-केवाईसी विवरण
अगर जमीन के मालिकाना हक में कोई परिवर्तन (जैसे विरासत व बैनामा) होता है तो रजिस्ट्री अपने आप अपडेट हो जाएगी. हालांकि किसान इस रजिस्ट्रेशन को गंभीरता से नहीं लेते हैं, तो आने वाली किस्तें रुक सकती हैं. जरूरी है कि सभी लाभार्थी किसान शीघ्र ही फार्मर रजिस्ट्री करवाएं जिससे उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ समय पर मिल सके.