किसानों की आय दोगुनी करने के लिए संकल्पित है सरकार, सूर्य प्रताप शाही बोले- दलहन-तिलहन को प्राथमिकता देने के निर्देश
वर्चुअल माध्यम से राज्य स्तरीय खरीफ उत्पादन गोष्ठी
बस्ती. किसानों की आय दुगनी करने के लिए खाद्यान्न के साथ-साथ दलहन एवं तिलहन को प्राथमिकता देने के लिए प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने अधिकारियों को निर्देशित किया है. वर्चुअल माध्यम से राज्य स्तरीय खरीफ उत्पादन गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए उन्होने कहा कि जिले की मांग के अनुसार दलहन एंव तिलहन के बीज किसानों को उपलब्ध कराये जाय. उन्होने कहा कि अरहर, उड़द, मूंग के बीज का 68000 किट प्रदेश में वितरित किया जायेगा.
उन्होने कहा कि अभियान चलाकर किसान के्रडिट कार्ड वितरित किए जाय. इस बार 02 करोड़ किसान के्रडिट कार्ड बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. फसल बीमा योजना में 31 जुलाई तक किसानों का प्रीमियम जमा कराना सुनिश्चित करे परन्तु जो किसान फसल का बीमा नही कराना चाहते वे 24 जुलाई तक इस आशय का प्रमाण पत्र बैंक शाखा को उपलब्ध करा दें.उन्होंने कहा कि किसानों को तकनीकी सुविधा देकर उत्पादन बढाया जाय. सभी ग्रेहूं क्रय केन्द्र 15 जून तक संचालित होंगे. 27 मई तक 37.25 लाख मेट्रिक टन गेहूं खरीद की गयी है तथा 5675 करोड़ किसानों का भुगतान सीधे उनके खाते में किया गया है. उन्होने कहा कि खाद, बीज, कीटनाशक दवाओं का कोई कमी नही है. उन्होंने कहा कि प्रत्येक बिक्री केन्द्र पर डीएपी, एनपीके, यूरिया की दरें मोटे-मोटे अक्षरों में लिखवाया जाय तथा सुनिश्चित किया जाय कि किसानो से अधिक मूल्य न लिया जाय.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डीएपी पर अनुदान 500 रूपये से बढाकर 1200 रूपये कर दिया है. इस प्रकार 700 रूपये की अनुदान की बढोत्तरी करते हुए किसानों को राहत प्रदान किया गया है. अधिकारी सुनिश्चित करे कि किसानों को डीएपी 1200 रूपये में ही प्राप्त हो. उन्होंने अधिकारियों को मण्डीय खरीफ गोष्ठी आयोजित करने का निर्देश दिया है.
प्रदेश के कृषि राज्य मंत्री लाखन सिंह राजपूत ने कहा कि अधिकारी किसानों की समस्याओं का निराकरण करें. खेती किसानी योजनाओं को तत्परता से लागू करें. किसानों से निरन्तर संवाद बनाये रखते हुए उनका सहयोग करें.
कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा ने कहा कि प्रत्येक जिला अपनी कृषि उत्पादकता बढाने के लिए योजना तैयार करे. खाद्यान्न एवं अन्य वस्तुओं के लिए मार्केटिंग लिंक अवश्य तैयार करें ताकि किसान के उत्पादों की समय से बिक्री हो सके. अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी ने कहा कि पराली प्रबन्धन का कार्य अभी से शुरू कर दिया जाय. उन्होने कहा कि यह सुनिश्चित किया जायेंगा कि प्रत्येक सोलर पम्प कम्पनी अपना सर्विस सेण्टर जिले में खोलेगी ताकि खराब पडे़ सोलर पम्पों की मरम्मत करायी जा सके.
कृषि गोष्ठी में मण्डलायुक्त अनिल कुमार सागर ने बताया कि खाद, बीज, कृषि यंत्र आदि की कोई समस्या नही है. उन्होंने लम्बे समय तक जलमग्न रहने वाली भूमि के संबंध में शासन को भेजी गयी परियोजना स्वीकृत करने, कृषि उत्पादकता बढाने के लिए, फसल प्रदर्शन बढाने, कृषि रक्षा इकाई पर अधिक से अधिक रसायन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया. उन्होने कहा कि जैविक खेती को बढावा देने के लिए सिद्धार्थनगर में 100 हेक्टेयर भूमि पर 5 कलस्टर स्वीकृत किया गया है. इसी प्रकार बस्ती एवं संत कबीर नगर में भी कलस्टर बनाये जाय.
कृषि गोष्ठी में पीसीएफ, पशुपालन, सिचाई, विद्युत, उद्यान, दुग्ध, मृद्रा परीक्षण, फसल बीमा के संबंध में अधिकारियों द्वारा विस्तार से जानकारी दी गयी. गोष्ठी में जिलाधिकारी श्रीमती सौम्या अग्रवाल, सीडीओ डॉ. राजेश कुमार प्रजापति, संयुक्त कृषि निदेशक अनिल कुमार तिवारी, उप कृषि निदेशक (कृषि रक्षा) राम बचन, उ कृषि निदेशक डॉ. संजय कुमार त्रिपाठी, जिला कृषि अधिकारी संजेश श्रीवास्तव एंव प्रगतिशील किसान अरविन्द सिंह, वंदना चैधरी उपस्थित रहें. कृषि विभाग एंव कृषि से संबंधित अन्य विभाग के अधिकारी एंव प्रगतिशील किसान वर्चुअल माध्यम से गोष्ठी से जुड़े रहे.