सामाजिक कार्यकर्ता गौहर अली ने किया जल प्रदूषण रोकने की पहल
ग्राम पंचायतों को तालाबों में कछुआ , मगरमच्छ, घड़ियाल पालने हेतु अनुमति देने की मांग

भेजे पत्र में गौहर अली ने कहा है कि कोरोना संकट काल में जिस तरह इंसानी लाशे नदियों में जलकुंभी की तरह तैर रहे हैं, लोग अपने संस्कार, कर्तव्य को भूलकर इस तरह नदियों में प्रदूषण फैलाने के लिए मजबूर हो रहे हैं. ऐसी स्थिति में यदि प्रदेश के जिन ग्राम सभाओं में बहुत बड़े तालाब हैं वहां कछुआ मगरमच्छ घड़ियाल के बच्चों को इनके हैचरी फार्म से मंगा कर तालाबों में पाला जाए और जब वे कुछ बड़े हो जाएं तो इन्हें निकट की नदियों में छोड़ दिया जाए तो जल प्रदूषण की समस्या दूर हो सकती है. इनके शरीर में माइक्रो कैमरा लगाया जाए और इनकी गतिविधियों पर पर ध्यान रखा जाए तो ये कुदरती जलीय सफाई कर्मी साबित होंगे.
सामाजिक कार्यकर्ता गौहर अली ने पत्र में कहा है कि ग्राम पंचायतों से विकास कार्यो हेतु प्रस्ताव मांगा जाय जिससे आवश्यतानुसार ने पर्यावरण रक्षा, प्रदूषण नियंत्रण, जल संरक्षण और तालाबों के विकास में अपना योगदान दे सकें.
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