दिगम्बर खेलै मशाने में होली, संगीत संध्या में मंत्रमुग्ध हुये श्रोता

संगीत शिक्षक राजेश आर्य, सचिव सन्तोष श्रीवास्तव, संगीत शिक्षिका कुमारी ज्योति ने शास्त्रीय राग, सुगम संगीत, फाग परम्परा पर प्रकाश डालते हुये कहा कि शास्त्रीय संगीत के विकास क्रम में ऐसे आयोजनों का विशेष महत्व है. कार्यक्रम का संचालन करते हुये विनोद उपाध्याय ने कहा कि फाग होली पर्व की स्वाभाविक अभिव्यक्ति है जो बरबस उनके भी कंठ से फूट पड़ता है जो शास्त्रीय गायन से अनभिज्ञ हैं. कार्यक्रम का आरम्भ मां सरस्वती वंदना से हुआ. राग काफी की प्रस्तुति से श्रद्धा, कंवलजीत, अपर्णा, नव्या, माण्डवी, आशी, आयुषी, नीलू, पूजा ने अपनी दक्षता का अनुभव कराया. बच्चों ने होली गीत की प्रस्तुति दिया.
संगीत शिक्षिका कु. ज्योति ने राग आभोगी, कान्हड़ा, संगीत में शोधार्थी सविता पाण्डेय एवं ऐश्वर्या, शिवानी पाण्डेय ने गीत प्रस्तुत कर कार्यक्रम को ऊंचाई दिया. छात्र रत्नेश, रणविजय, नितेश, विवेक, अभिषेक विशाल ने समूह में राग वृन्दावनी सारंग की अनूठी प्रस्तुति देकर मन मोह लिया. कार्यक्रम में मास्टर शिव, हाशिम, आर्गन व तबले पर रवि ने अपना हुनर दिखाया. आयोजन में रामकृष्ण लाल ‘जगमग’ राजेन्द्र सिंह, डी.के. सिंह, राकेश गिरी, सुनीता मिश्रा, वशिष्ठ पाण्डेय, माया यादव, अंकिता, डा. विनायक, घनश्याम के साथ ही अनेक संगीत प्रेमी शामिल रहे.