वित्तविहीन शिक्षकों को वेतन देकर सम्मान से जीने का अधिकार दे सरकार: संजय द्विवेदी
माध्यमिक शिक्षक संघ बस्ती मण्डल की वर्चुअल बैठक संपन्न

द्विवेदी ने कहा की संगठन निरन्तर मांग कर रहा है कि सरकार माध्यमिक शिक्षा परिषद् के मान्यता की धारा 7क (क) को संसोधित कर 7(4) में परिवर्तित करे, और वित्तविहीन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों की सेवा नियमावली निर्मित कर पांच अंकों में सम्मानजनक मानदेय बैंक के माध्यम से दे, किन्तु सरकार निरन्तर वादाखिलाफी कर रही है. कोरोना महामारी व लाकडाउन के कारण वित्तविहीन शिक्षकों की हालत अत्यंत चिंताजनक हो गयी है. शिक्षक नौकरी खोने के डर से वेतन ना पाने के वावजूद विरोध में आवाज नहीं उठा पा रहे हैं.
द्विवेदी ने कहा कि कोरोना महामारी के संकट में सरकार मजदूर, किसान, वकील, व्यापारी सहित सभी वर्ग का ख्याल रख रही है, किन्तु प्रदेश के 25 हजार विद्यालयों में कार्यरत 4 लाख वित्तविहीन शिक्षकों के दीन-हीन दशा पर ध्यान नहीं दे रही है, जो आर्थिक विपन्नता के शिकार होकर मानसिक संत्रास से गुजर रहे हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की है कि शिक्षकों को तत्काल सरकार की तरफ से आर्थिक राहत प्रदान किया जाय, जिससे उनको किसी के सामने हाथ फैलाने की नौबत ना आए.
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वर्चुअल बैठक में प्रांतीय उपाध्यक्ष मार्कंडेय सिंह, मोहिबुल्लाह खान, गिरिजानंद यादव, युनुश अख्तर, अदनान अहमद, विनय दुबे, शैलेंद्र कुमार, रणविजय, राकेश कुमार, अनिल चौधरी, विजय यादव, जय प्रकाश गौतम, गिरिजेश कुमार, विंध्याचल सिंह, राम नारायण पांडेय, रविन्द्र चौरसिया, मुकेश यादव,मनीराम वर्मा, मोहम्मद आफताब आलम, अनिल चौधरी, मुहम्मद अदनान, मंतोष कुमार मौर्या, सलाहुद्दीन, इन्द्र प्रताप सिंह, जय गोपाल, रणविजय सिंह, पारस नाथ यादव, अफजल खान, कांत गुप्ता, संजय चौबे, कमलेश यादव व नाहिद जमाल अंसारी सहित अन्य लोग मौजूद रहे.

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