बस्ती में किसानों को गेहूं बेचने में हो रही दिक्कत, आंकड़ों में पूरी हो गई सरकार की खरीद
-भारतीय बस्ती संवाददाता-
बस्ती. गेहूं की बोरियों को लादे अन्नदाता किसान गेहूं क्रय केन्द्रों के चक्कर लगा रहे है. लेकिन क्रय केन्द्रों पर उनका गेहूं खरीद नहीं हो पा रहा है. आंकड़ों में खरीदारी लगभग पूरी हो चुकी है. किसान आन लाइन पंजीकरण ,खतौनी सत्यापन ,के बाद टोकन मिलने पर क्रय केन्द्रो पर गेहूं की बिक्री के लिए लाइन में लगा रहा. इस प्रक्रिया में तहसील से लेकर क्रय केन्द्रों तक लम्बी लाइन लगने लगी. मई महीने तक किसानो के गेहूं विक्रय में खतौनी सत्यापन एवं टोकन के लिए हो रही परेशानी को देखते हुए प्रशासन ने किसानो को किसी भी क्रय केन्द्र पर गेहूं बेचने की छूट दे दिया. अब तय क्रय केन्द्र पर गेहू की खरीददारी न होने से किसानों को गेहू बेचने में पसीने छूट रहे है.
बताया कि वहां मौजूद एसएमआई ने कहा कि 31 मई तक के लिए गेहूं क्रय का नम्बर लग चुका है, ऐसे हालत में अब गेहूं की खरीदारी नहीं हो पाएगी. गेहूं खरीद ना होने से परेशान गंगा प्रसाद पाण्डेय ने डीएम सौम्या अग्रवाल को शिकायती पत्र देकर कुसौरा केन्द्र पर गेहूं बेचने के लिए आदेशित करने की मांग किया है.
बता दें कि इससे पहले भी इस क्रय केन्द्र पर किसानों से गेहूं खरीद न करने के आरोप लग चुके हैं. किसान ने सिकायत भी की लेकिन क्रय केन्द्र के जिम्मेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. अप्रैल माह में ही कमिश्नर ने क्रय केन्द्र पर आने वाले सभी किसानों का गेहूं खरीदने की बात कही थी. निर्देशित किया था कि क्रय केन्द्र पर आने वाले किसी भी किसान का गेहूं खरीद किसी भी दशा में बाधित न होने पाए. बावजूद इसके क्रय केन्द्रों पर किसान गेहूं बेचने के लिए परेषान हैं.
गेहूं की खरीदारी में किसानो को हो रही समस्याओं को लेकर किसान राममूर्ति मिश्र का कहना है कि कोरोना से गांव जूझ रहे थे. गांवो में मौत हो रही थी. लेाग परेशान थे, ऐसे मे किसान गेहूं बेचने की सोचे या अपने परिजनो की देखभाल करे. कुछ किसानों ने हिम्मत बांध कर गेहूं बेचना भी चाहा तो मजदूरों के मिलने में समस्या आ रही थी. गावों में अब हालात सुधर रहे है तो किसान गेहू बेंचने के लिए क्रय केन्द्रों पर पहुच रहे है. ऐसे हालत में यदि किसानों के गेहूं की खरीदारी नहीं होगी तो किसानों के साथ बडी नाइंसाफी होगी.