Basti News: आखिर कब बनकर तैयार होगा रतनपुर में ग्राम पंचायत भवन, सामुदायिक शौचालय
कैलाश नाथ पांडेय -भारतीय बस्ती संवाददाता- हर्रैया (बस्ती). तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर ये आंकड़े झूठे हैं, ये दावा किताबी हैं, अदम गोण्डवी की यह पंक्तियां हर्रैया विकास खण्ड के ग्राम पंचायत रतनपुर पर सटीक बैठती है. प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश का चाहे जितना दावा करें किन्तु इस ग्राम पंचायत में मनमानी, बंदरबांट को लेकर गांव के लोग ही सवाल खड़ा कर रहे हैं किन्तु उनकी सुनता कौन है.
हर्रैया विकास खण्ड में कई वर्षों से तैनात ग्राम विकास अधिकारी दयानन्द वर्मा को न शासन प्रशासन का मानो कोई खौफ ही नहीं है. वे मुख्यमंत्री जी के ड्रीम प्रोजेक्ट पंचायत भवन और सामुदायिक शौचालय जैसे कामो के साथ सरकार के आदेशों की खूब जम कर धज्जियां उड़ा रहे है .
ग्रामीणों की माने तो विकासखण्ड हर्रैया के ग्राम पंचायत रतनपुर में 19 लाख 26 हजार के लागत से पंचायत भवन और 6 लाख 92 हजार के लागत से सामुदायिक शौचालय बनाया गया लेकिन दो साल हो गया अभी तक पंचायत भवन में न तो बिजली का कार्य पूरा किया गया न ही किसी खिड़की में दरवाजा लगाया और न ही शौचालय और एक कमरे में टाइल्स का काम भी नही हुआ न पानी की कोई व्यवस्था कराया गया. पंचायत भवन के बिल्डिंग के चारो तरफ एक मीटर चौड़ा आरसीसी बनाने का आदेश था उस पर भी कोई काम नही हुआ प्लास्टर तो ऐसा हुआ है कि वो अभी से गिरने लगा है . यही हाल सामुदायिक शौचालय का भी है न अभी तक पानी की टंकी न टुल्लू पंप न दरवाजा न ही दिव्यांगों के लिए रैम्प की व्यवस्था .
पता चला है कि पंचायत भवन और सामुदायिक का पूरा पैसा सचिव और प्रधान द्वारा निकाल लिया गया है और अभी तक काम शासन के बार -बार निर्देश के बाद भी अधूरा पड़ा है जिससे ग्रामीणों में काफी नाराजगी भी सामने आया है . सचिव प्रधान द्वारा पंचायत भवन और समुदायिक का काम तो पूरा नही कराया गया लेकिन पंचायत सहायक और सफाई कर्मी की नियुक्ति कई महीनों पहले कर दिया गया है जब फोन पर पंचायत सहायक से बात किया गया तो उन्होंने बताया कि हम को दिसम्बर से लेकर के अप्रैल तक का वेतन मिल चुका है पांच महीने में 30 हजार रुपया तो ग्राम पंचायत के खाते से तो भुगतान कर दिया गया पर पंचायत सहायक को अभी तक ये भी नही पता है कि उनके ग्राम पंचायत में क्या - क्या कार्य कराया गया है और वो किस काम के लिए नियुक्त की गई है .
वो एक ही बार मे बतायी की अभी हमारा पंचायत भवन अधूरा पड़ा है और दिसम्बर से लेकर अप्रैल तक का वेतन भी मिल चुका है और हम कुछ नही जानती है यह पंचायत भवन और सामुदायिक का मामला केवल रतनपुर ग्राम पंचायत का ही नही बल्कि सचिव महोदय के तमाम ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन और सामुदायिक शौचालय में कमियां देखने को मिली है . चर्चा है कि आखिर किसके रहमो कर्म से इतने बड़े बड़े कारनामो के बावजूद अभी तक सचिव के ऊपर कोई कार्यवाही नही की गई . क्या शासन प्रशासन का आदेश सिर्फ कागजो में ही सिमट कर रहा जाता है या सरकार की ऐसी महत्वपूर्ण योजनाये अखबार की हेडलाइन ही बनकर रह जाती है . लोग पूंछ रहे हैं कि आखिर कब तक चलेगा ये भ्रष्टाचार का खेल . नागरिकों ने कार्रवाई की मांग किया है.