बस्ती के इस स्कूल में 10 बजे के बाद भी गेट पर लगा रहता है ताला, बच्चे करते हैं टीचर का इंतजार

बच्चों ने पूछने पर बताया कि विद्यालय में अभी मैडम नही आई हैं. इसलिए वे बाहर इंतजार कर रहे हैं. गाँव वालों ने बताया कि यह विद्यालय कभी भी समय से नही खुलता हैं.
वही यह भी चर्चा है कि इस विद्यालय पर तैनात अध्यापिका काफी दबंग है. इसलिए उन्हें विभागीय अधिकारी भी कुछ नहीं कहते. सूत्रों की माने तो पिछले वर्षों में एक खण्ड शिक्षा अधिकारी तक को कार्रवाई की जगह बैकफुट पर आना पड़ा था. उन्हें अपनी इज्जत बचाने के लाले पड़ गए थे.
हालत यह है कि उनके रसूख और दबंगई को देखते हुए ग्राम शिक्षा समिति, ग्राम प्रधान और विभागीय अधिकारियो ने भी शायद इधर रुख करना छोड़ दिया हैं. विद्यालय बन्द होने से यहां पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य भी सवालिया है.
बीएसए जगदीश प्रसाद शुक्ल ने कहा कि विद्यालयों का समय- समय पर आकस्मिक निरीक्षण कराया जाता है. इस विद्यालय का आकस्मिक निरीक्षण कराया जाएगा. यदि स्कूल समय से खुलना न पाया गया तो सम्बन्धित के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी.
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जितेंद्र कौशल सिंह भारतीय बस्ती के पत्रकार हैं. शुरुआती शिक्षा दीक्षा बस्ती जिले से ही करने वाले जितेंद्र खेती, कृषि, राजनीतिक और समसामयिक विषयों पर खबरें लिखते हैं.