कालानमक की खेती से सुधरेगी किसानों की हालत, मिलेगी पहचान

बृहस्पति पांडेय
बस्ती. उत्तर प्रदेश स्थित बस्ती में जनपद के प्रगतिशील किसानों द्वारा बनाया गया एफ पी ओ इस बार जनपद के किसानों से कृषि विज्ञान केंद्र बस्ती के जरिये उपलब्ध कराये गए सुगन्धित धान कालानमक नई वैराइटी की व्यापक लेवल पर खेती करवा रहा है. जनपद के किसानों नें सिद्धार्थ फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी के नाम से बीते साल एक एफ पी ओ बनाया था जो इस साल कृषि विज्ञान केंद्र बस्ती के मार्गदर्शन में लगभग पांच सौ हेक्टेयर व खुद की निगरानी में पांच सौ हेक्टेयर रकबे में कालानमक धान की खेती करवा रहा है. एफ पी ओ के डायरेक्टर बृहस्पति पाण्डेय नें बताया की सिद्धार्थ एफ पी सी कृषि विज्ञान केंद्र के मार्गदर्शन किसानों के परस्पर सहयोग से काम करते हुए काला नमक चावल की खुशबू को दुनिया के विभिन्न हिस्सों तक पहुंचाएंगे. इससे किसानों बिचौलियों से मुक्ति मिलेगी और उनके जिंदगी में बदलाव आएगा. उन्होंने बताया की इस साल जनपद में काला नमक धान की बुवाई काफी बढ़ गई और इस कालानमक धान की खेती का क्षेत्रफल बढ़कर लगभग एक हजार हेक्टेयर हो गया है.
कंपनी के निदेशक राममूर्ति मिश्र ने बताया की सिद्धार्थ एफ पी ओ द्वारा किसानों को उनके उपज का वाजिब मूल्य दिया जायेगा और उनसे धान की खरीददारी के बाद कालानमक चावल इसकी मार्केटिंग और ब्रांडिंग का काम करेगा. उन्होंने बताया की इस साल कृषि विज्ञान केंद्र बस्ती द्वारा जनपद के किसानों में काफी मात्रा में सुगन्धित कालानमक की नई और उन्नत प्रजाति का बीज उलब्ध कराया गया है केंद्र के वैज्ञानिक अपने देखरेख में फसल तैयार करा रहें हैं और किसानों को जरुरी तकनीकी और व्यावहारिक ज्ञान दे रहें हैं. इससे इस साल अच्छी पैदावार होने की संभावना है. वहीं सिद्धार्थ एफ पी ओ को अर्न्स्ट एंड यंग एलएलपी नाम की संस्था मार्केटिंग और बिजनेस प्लान में सहयोग कर रही है. उन्होंने बताया की उनका प्रयास है की एफ पी ओ से जुड़े सभी किसानों की आय बढे और उसके लिए सभी जरुरी प्रयास किये जा रहें हैं
-(1).png)
कंपनी के निदेशक विजेंद्र बहादुर पाल ने बताया की बीते साल भी सिद्धार्थ एफ पी ओ द्वारा कालानमक की खेती करने वाले किसानों से वाजिब दाम पर खरीददारी की गई थी और बस्ती के अलावा आस-पास के दूसरे जनपदों व प्रदेश के बाहर भी कालानमक को भेजा गया था . बताया की बस्ती के आबोहवा में कालानमक में काफी खुशबू पाई जा रही है है इस लिए डिमांड बढ़ा है जिसको देखते हुए इस बार ज्यादा क्षेत्रफल में खेती की गई है.
Read Below Advertisement