Basti Ayushman Card: नहीं बन पाया है आपका आयुष्मान कार्ड, तो अब आया है मौका

बस्ती. प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत Basti Ayushman Card) एवं मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना से आच्छादित आयुष्मान कार्ड विहीन परिवारों को कार्ड उपलब्ध कराने के लिए अभियान चलाया जाएगा. 26 जुलाई से नौ अगस्त तक प्रस्तावित इस पखवाड़े के दौरान गांव-गांव कैम्प लगाकर छूटे परिवारों का कार्ड बनवाकर उन्हें लाभांवित कराया जाएगा. 10 मार्च 2021 से 31 मार्च 2021तक आयुष्मान आापके द्वार अभियान के दौरान प्रदेश में लगभग 20 लाख आयुष्मान कार्ड बनाए गए.
पांच लाख तक का होता है निःशुल्क इलाज
योजना से आच्छादित परिवार का एक साल में पांच लाख तक निःशुल्क इलाज होता है. इसके लिए लाभार्थी के पास आयुष्मान कार्ड होना अनिवार्य है. योजना में शामिल सरकारी व निजी अस्पताल में इलाज की सुविधा पूरे देश में मिल रही है.
ग्रामसभा व वार्ड के नोटिस बोर्ड पर चस्पा होगी सूची
लक्षित लाभार्थियों की ग्रामसभावार व वार्ड वार सूची नोटिस बोर्ड पर चस्पा की जाएगी. ऐसे लाभार्थी परिवार जिनका आयुष्मान कार्ड बनाया जाना है, उनका डाटा साचीज द्वारा अभियान से पूर्व जिले को उपलब्ध करा दिया जाएगा. कार्ड बनवाने के लिए लाभार्थी को कैम्प में आधार कार्ड व राशन कार्ड लाना अनिवार्य होगा. कैम्प की तिथि व स्थल की सूचना आशा कार्यकर्ता द्वारा लाभार्थी परिवारों को पूर्व में दी जाएगी.
टॉस्क फोर्स का किया जाएगा गठन
जनपद स्तर पर सीडीओ की अध्यक्षता में टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा. इसमें पंचायतीराज विभाग, ग्राम्य विकास विभाग, आईसीडीएस आदि विभागों के नोडल ऑफिसर को शामिल किया जाएगा. टास्क फोर्स द्वारा अभियान के दौरान कार्ड बनाने की प्रगति का नियमित अनुश्रवण किया जाएगा. विभिन्न विभागों के फील्ड वर्कर्स क्षेत्रीय आशा के साथ समन्वय स्थापित कर लक्षित परिवारों को कैम्प तक लाने में सहयोग प्रदान करेंगे. कार्ड बनाने में कॉमन सर्विस सेंटर का सहयोग लिया जाएगा.
अब तक बनाए जा चुके हैं 1.56 लाख कार्ड
जिले में अब तक 1.56 लाख आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं. जनपद में लाभार्थी परिवारों की संख्या 1.59 लाख है. अनुमान के अनुसार 7.95 लाख लोगों को योजना का लाभ मिलना है. अब तक लगभग 20 प्रतिशत लाभार्थियों का ही गोल्डेन कार्ड बनाया जा सका है. जिले में लगभग 56 प्रतिशत ऐसे लाभार्थी परिवार हैं, जिनमें परिवार के एक भी सदस्य का कार्ड नहीं बन सका है.