बस्ती की एक और सड़क की कहानी: 20 गावों को जोड़ने वाली पांच किलोमीटर की सड़क है बदहाल
-भारतीय बस्ती संवाददाता-
बस्ती. विकास खण्ड बहादुरपुर के लगभग 20 गावों को जोड़ने वाली 5 किमी सडक बदहाल है. सड़क पर बने गड्ढे और उसमें भरा पानी राहगीरों के लिए जोखिम भरा है. आए दिन राहगीर इस मार्ग पर दुर्घटना का शिकार होते हैं , लेकिन इस सड़क की बदहाली को दूर करने की दिशा में किसी ने भी पहल नहीं की. हालत यह है कि भैसहिया से लेकर पिपरा गौतम तक सड़क पर पिछले पांच साल से लोग आवागमन की दुश्वारियां झेल रहे है. बरसात के दिनो में स्थिति और भी चुनौती पूर्ण हो जाती है. सड़क पर बडे बडे गडढे हर पल दुर्घटना का सबब बने है. जरा सा चूके तो साइकिल, मोटर साइकिल सहित गढढो में गिर कर कीचड़ से सराबोर हो सकते है. शायद ही कोई ऐसा दिन बीतता हो जिस दिन इस मार्ग पर चलने वाले राहगीर चोटिल न होते हों.
जोगीपुर (चन्दो) गांव के पास टूटी पुलिया और सड़क से यदि कही आप फिसले तो सडक से सटकर बहती कुआनो की धार में डूबना तय है. चन्दो से पिपरा गौतम, अगई की ओर आगे बढ़ते ही आपको सड़क पर हर दो कदम पर गड्ढे मिल जायेंगे. लगभग बीसों गावो को जोड़ने वाली इस सडक पर रोज हजारों लोगों की आवाजाही रहती है. इसके बावजूद इस सड़क पर स्थानीय विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधियो की नजर नहीं पड़ती है. स्थानीय ग्रामीण इसे नियति मानकर जान जोखिम मे डालकर इस सड़क पर चल रहे हैं.
चन्दो, अगई, पिपरा गौतम, धौरहरा, भेलवल, पाल्हा, नरायनपुर,कूरहा दयालपुर ,रजली, बगियापार, प्रतापपुर रखौना,निरंजनपुर, सहित अन्य कई गावों के लिए जिला मुख्यालय तक पहुचने का यह मुख्य मार्ग है. इन गांव के लोगों का कहना है कि पिछले कई सालो से सड़क बदहाल है लेकिन इसको कोई देखने वाला नहीं है. मुख्य मार्ग होने के कारण इन गांवो से अस्पताल जाने का भी यही रास्ता है, अस्पताल तक जाने के लिए जहां समय ज्यादा लगता है वहीं बरसात और रात मे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. ऐसे हालत में भैसहिया से लेकर पिपरा गौतम सड़क की हो रही अनदेखी को लेकर ग्रामीणो काफी रोष है. ग्रामीणों का कहना है कि यदि इस सड़क की सुधि नहीं ली गई तो आवागमन की दुश्वारियां को लेकर मुखर आवाज उठाई जाएगी.