Basti Development Authority पर लगे गंभीर आरोप, आर्टिटेक्ट्स बोले- BDA कर रहा धनउगाही
Basti Mahayojna 2031 की किताब अब तक नहीं छपी - चौड़ीकरण के नाम पर करोड़ों के इंटरलाकिंग ईंट गायब
-भारतीय बस्ती संवाददाता-
बस्ती. बस्ती विकास प्राधिकरण द्वारा आर्किटेक्टों/इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिये लिखे पत्र के बाद भूचाल आ चुका है. दोनों पक्ष एक-दूसरे पर धनउगाही में संलिप्त होने का आरोप लगा रहे है. शुक्रवार को आर्किटेक्टों के प्रतिनिधिमण्डल ने कार्रवाई के खिलाफ जिलाधिकारी को सम्बोधित ज्ञापन सौंपकर न्याय की मांग किया. पत्र में उन्होंने कहा की बस्ती विकास प्राधिकरण के लोगों द्वारा मकान, दुकान निर्माण कराने वालों का आर्थिक और मानसिक शोषण किया जा रहा है. आर्किटेक्टों का काम सिर्फ भवन निर्माण का नक्शा बनाकर विभाग को उपलब्ध कराने भर के लिए होता है. जबकि बीडीए द्वारा उन्हें ही धनउगाही के लिए जिम्मेदार ठहरा कर अपनों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है.
जिन तथ्यों के आधार पर उन्हें दोषी माना गया है उसे उजागर किया जाए. जब तक विभाग द्वारा जांच कराकर संतोषजनक प्रमाण प्रस्तुत नही किया जाता तब तक आर्किटेक्ट/इंजीनियर अपने कार्य से विरत रहेंगे. यदि एक हफ्ते के अंदर आरोपों का साक्ष्य नहीं दिया जाता तो एसोसिएशन के लोग बस्ती विकास प्राधिकरण के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे.
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बस्ती विकास प्राधिकरण द्वारा जोरशोर से शहर के नियोजन के लिए टाउन हाल में स्टाल लगाकर प्रचार किया जा रहा है. स्टाल पर लोगों से सुझाव मांगे जा रहे है. कहा गया था की विभाग द्वारा जनता को 390 रूपे में महायोजना से सम्बन्धित पुस्तक दी जाएगी. मगर वहां जाने वालों को दीवारों पर पुराने मानचित्रों के साथ एक विजिटर बुक ही मिल रही है. जिसमें लोगों से सुझाव लिखवा लिया जा रहा है. सवाल उठता है की बस्ती शहर में इतना हाहाकार मचाने वाले विभाग द्वारा पुस्तक छपवाने में इतनी लापरवाही क्यों बरती जा रही है.
अब आते हैं बस्ती विकास प्राधिकरण की कथित सड़क पर जिसे विभाग अपना बताकर चौड़ीकरण का काम करने लगा. टेण्डर जारी कर विभाग द्वारा आनन-फानन में कम्पनी बाग से लेकर फव्वारा तिराहा तक खोद डाला गया. नगर पालिका द्वारा लगाई गई इंटरलाकिंग ईंटों को गायब कर वहां महज एक मीटर चौड़ा लेपन कार्य कराकर बाकी पटरियों को वैसे ही छोड़ दिया गया. जिससे दुकानदारों से लेकर आम जनता को आज भी दुश्वारियों झेलनी पड़ रही है. मजे की बात ये सड़क लोक निर्माण विभाग की थी. जिस पर बस्ती विकास प्राधिकरण ने टेण्डर जारी कर काम कराना शुरू कर दिया था.
लोक निर्माण विभाग द्वारा आपत्ति दर्ज कराने के बाद बीडीए ने आधा-अधूरा काम कराकर बाकी की पटरियों को वैसे ही छोड़ दिया गया. यही नहीं पटरियों पर लगी करोड़ों की इंटरलाकिंग ईंटों को ठेकेदार द्वारा उठा ले जाने की चर्चाएं आम है. ऐसे में बस्ती विकास प्राधिकरण का मनमाना विकास जनता के समझ से बाहर है. इस तरह के विकास कार्यों से शहर में बीडीए की छवि धूमिल हुई है. जिसे मिटा पाने में अब तक बस्ती विकास प्राधिकरण फेल साबित हुआ है.