Basti News: बस्ती विकास प्राधिकरण में विकास के नाम धनउगाही? हार के बाद भी नहीं चेत रही BJP
- धनउगाही के आरोपों तले दबा है बीडीए - जनप्रतिनिधियों के मौन से अवाक है जनता - विधानसभा चुनाव में हार के बावजूद नहीं चेत रहे माननीय

-भारतीय बस्ती संवाददाता-
बस्ती. बस्ती के नियोजित विकास के लिए बस्ती विकास प्राधिकरण का गठन किया गया था. प्राधिकरण के गठन से जगी थी. बस्ती विकास प्राधिकरण के अस्तित्व में आने के बाद से ही उसका आरोपों से चोली और दामन का साथ हो गया. बस्ती विकास प्राधिकरण के शहरी नक्शे की मानें तो पूरा शहर ही अवैध है.
धनउगाही, नक्शा पास कराने के नाम पर उत्पीड़न, सीलींग की कार्रवाईयों से जनता के बीच बस्ती विकास प्राधिकरण की नकारात्मक छवि बनकर उभरी है. अधिकारियों से लेकर नेताओं के यहां लगने वाले जनता दरबार में प्राधिकरण की शिकायतों के अम्बार लगने लगे. इसके बावजूद प्राधिकरण अपने मदमस्त चाल में चलता रहा. इसका हर्जाना भी बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा को भुगतना पड़ा. प्राधिकरण की कार्रवाईयों से आजिज जनता ने भाजपा को वोट नहीं दिया. जिससे बेहद मामूली अन्तर से भाजपा प्रत्याशी को हार का मुंह देखना पड़ा.
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बीडीए का प्रकोप झेलने वाले लोगों की माने तो बस्ती विकास प्राधिकरण महज धनवसूली का अड्डा बनकर रह गया है. जिसकी जद में आये लोग बेवजह परेशान हो रहे है. नक्शा पास कराने के नाम पर मकान बनवाने वालों का जमकर शोषण किया जा रहा है. सीलींग की कार्रवाई के बाद चंद दिनों बाद ही बड़े व्यावसायिक इमारतों की टूटी सीलें इस बात की तस्दीक करने के लिए पर्याप्त है.
इन दिनों बस्ती विकास प्राधिकरण में अंदरखाने जमकर घमासान मचा हुआ है. नये सचिव गुलाब चन्द्रा के तेवर भवन स्वामियों पर भारी पड़ रहे है. सीलींग की कार्रवाई तेज कर दी गई है. वहीं अपने दामन को पाकसाफ बताने के लिए विभाग द्वारा लाइसेंसी आर्किटेक्टरों पर प्राधिकरण ने गाज गिरा दी है. यदि समय रहते आर्किटेक्टरों और भवन निर्माण कराने वालों की सुनी जाती तो ये समस्या ही नहीं आती. इस मामले में पीआरजे महायोजना संघर्ष समिति से जुड़े नेताओं ने एकसुर से बस्ती विकास प्राधिकरण पर शोषण करने का आरोप लगाया. कहा की प्राधिकरण के नाम पर बीडीए के लोग सिर्फ धनउगाही कर रहे है.