क्या है BDA का प्लान Basti Mahayojna जिसका हो रहा विरोध? यहां जाने सब कुछ एक क्लिक में
Basti Mahayojna News: बस्ती में शनिवार को गौरीदत्त धर्मशाला में पीआरजे बस्ती महा योजना संघर्ष समिति के संयोजक अनुज राही हिन्दुस्तानी के संयोजन में व्यापारी संगठनों की साझा प्रेस वार्ता हुई. प्रेस वार्ता में अनुज राही, संघर्ष समिति के अध्यक्ष कविश अबरोल, वरिष्ठ व्यापारी नेता सुबाष शुक्ल और आनन्द राजपाल एवं राजेश चित्रगुप्त ने एक स्वर से बस्ती विकास प्राधिकरण की बस्ती महायोजना को स्वीकार नहीं करने का एलान किया. प्रेस वार्ता में कहा गया कि 1 अगस्त से 31 अगस्त तक महायोजना के मनमाने प्राविधानों के विरोध में आपत्ति अभियान दर्ज कराया जायेगा.
आरोप लगाया गया कि विकास प्राधिकरण ने बिना सोचे समझे जिस महायोजना को लागू करने का मन बनाया है उससे बस्ती शहर का स्वरूप और संस्कृति ही नष्ट हो जायेगी. गांधीनगर, मंगलबाजार, पाण्डेय बाजार, सुर्तीहट्टा, मालवीय रोड, अस्पताल रोड पर बने भवनों का वजूद ही समाप्त हो जायेगा और हजारों लोग जो आज मकान मालिक है, दूकान चलाकर परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं वे भूमिहीन हो जायेंगे.
साझा प्रेस वार्ता में महायोजना के लागू होने की स्थितियों पर विस्तार से चर्चा करते हुये व्यापारी नेताओं ने कहा कि यह महायोजना बस्ती शहर के विनाश की योजना है, इसे किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जायेगा. कहा कि यदि विकास प्राधिकरण ने इसे तत्काल वापस न लिया तो व्यापक जन आन्दोलन छेड़ा जायेगा.
आइए हम आपको बताते हैं कि क्या है बस्ती महायोजना और BDA का प्लान क्या है?
बस्ती विकास प्राधिकरण (बीडीए) का दायरा अगले दस वर्षीय योजना में बढ़ जाएगा. इसकी कवायद तेज हो गई है. महायोजना-2031 का खाका तैयार किया जाने लगा है. इसमें शहरी क्षेत्र के नियोजन से संबंधित सभी बिदुओं को शामिल किया जाएगा. नई महायोजना लागू होने के बाद शहर के बदले भौगोलिक स्थिति में सड़क, फुटपाथ, आबादी, पार्क, हरियाली, सीवरेज प्लान, जल शोधन केंद्र आदि सभी सुविधाएं नियोजित होंगी.
बस्ती में बीडीए गठन की घोषणा 2016 में की गई थी लेकिन वर्ष 2018 में महायोजना- 2021 के साथ बीडीए क्रियाशील हो पाया. प्रथम दस वर्षीय महायोजना में शहरी क्षेत्र के अलावा आसपास के 69 गांव शामिल किए गए हैं. प्राधिकरण क्षेत्र में आवासीय एवं कामर्शियल भवनों का नियोजन सुव्यवस्थित दिखने लगा है. सड़क, बिजली, पानी, पार्क आदि की मुकम्मल व्यवस्था के दृष्टिगत ही नए मानचित्र स्वीकृति किए जा रहे हैं.
217 गांवों तक होगा BDA का दायरा
प्रथम महायोजना का मूर्त रूप अभी अगले दस साल में सामने आएगा. वहीं अगले दस वर्षीय महायोजना 2031 में शहर का और वृहद स्वरूप बनाने की कवायद भी शुरू कर दी गई है. इसमें प्राधिकरण का दायरा 69 गांवों से बढ़कर 217 गांवों में हो जाएगा. बस्ती सदर और साऊंघाट विकास क्षेत्र के गांव शामिल होंगे.
महानगर की तरह तैयार हो रहा खाका शहरीकरण के नए अभियान में महानगर की तरह यहां का भी खाका तैयार किया जा रहा है. इस बार महायोजना 2031 के गठन में आमजन की भागीदारी भी सुनिश्चित की जा रही है. इसके लिए सभी का सुझाव प्राप्त किया जा रहा है.