यूपी में बाराबंकी से इस रूट के हाईवे का फोरलेन होने का काम शुरू, जाम से मिलेगी राहत
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बगल में स्थित बाराबंकी से रूपहैडिहा तक की सड़क को फोरलेन बनाने का कार्य अब प्रारंभ हो गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और राजस्व विभाग की एक संयुक्त टीम ने इस हाईवे के लिए चुनाव का काम आरंभ कर दिया है। जानकारी के अनुसार, ट्रैफिक की बढ़ती समस्या और महादेवा कॉरिडोर को निर्मित कराने के चलते इस हाईवे पर यातायात का दबाव काफी अधिक हो गया है। अक्सर इस मार्ग पर डायवर्जन किया जाता है, जिससे सड़क हादसों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, एनएचएआई ने फोरलेन हाईवे बनाने की प्रक्रिया को तेज करने का निर्णय लिया है। अधिकारियों का मानना है कि इस नए हाईवे के निर्माण से क्षेत्र में विकास को भी गति मिलेगी।
टीम ने सड़क के चौड़ीकरण के लिए हाईवे के दोनों ओर कुल 45 मीटर की माप की। इस कार्य के चलते लोगों में उत्सुकता और चिंता दोनों ही देखने को मिली। कई लोग अपनी संपत्तियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित थे, जबकि कुछ ने इस विकास कार्य को क्षेत्र के लिए सकारात्मक कदम बताया। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह चौड़ीकरण न केवल यातायात की समस्या को हल करेगा, बल्कि क्षेत्र में विकास और रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि सभी प्रक्रियाएं पारदर्शिता के साथ की जाएंगी और प्रभावित लोगों को उचित मुआवजा प्रदान किया जाएगा।
जिले की सीमा में एक नया फोरलेन हाईवे बनने जा रहा है, जिसकी लंबाई लगभग 32 किलोमीटर होगी। इस परियोजना के तहत अलाइनमेंट एरिया से बिजली के पोल और पेड़ों को हटाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। जमीन अधिग्रहण अधिकारी सतीश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि "इस फोरलेन हाईवे की कुल चौड़ाई 45 मीटर निर्धारित की गई है। इस हाईवे के निर्माण के लिए चुनाव का कार्य जारी है। इसके पश्चात, जो भू भवन इस परियोजना के दायरे में आएंगे, उनके स्वामियों के नामों की फीडिंग की जाएगी ताकि उन्हें उचित मुआवजा राशि प्रदान की जा सके। इस प्रक्रिया में हल्का लेखपाल विनीत कुमार रावत और अवनीश कुमार जैसे अधिकारी शामिल रहेंगे, जो इस कार्य को सुचारू रूप से संपन्न करने में मदद करेंगे।"
हाईवे के फोरलेन बनने से बाराबंकी, बहराइच, गोंडा और बलरामपुर जिलों के निवासियों को काफी आसानी मिलने जा रही है। इस हाईवे पर प्रतिदिन लगभग 25 हजार वाहन गुजरते हैं, जिससे यातायात में भारी दबाव रहता है। इस दबाव के कारण संजय सेतु अक्सर क्षतिग्रस्त हो जाता है, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
इस समस्या को हल करने के लिए, हाईवे को जोड़ने वाले संजय सेतु और रेलवे पुल के बीच में एक नया पुल बनाया जाएगा, जिसकी लंबाई लगभग 1.3 किलोमीटर होगी। यह नया पुल न केवल यातायात को सुगम बनाएगा, बल्कि क्षेत्र के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस परियोजना के पूरा होने से स्थानीय निवासियों को बेहतर परिवहन सुविधा मिलेगी और यात्रा के समय में भी कमी आएगी।
नए पुल के निर्माण से इस क्षेत्र में यातायात की स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है। दोनों पुलों पर अब वन वे ट्रैफिक व्यवस्था लागू की जाएगी, जिससे वाहन चालकों को अधिक सुविधा मिलेगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार, शहर के चैपुला क्षेत्र से एक फ्लाईओवर का निर्माण किया जाएगा, जो अयोध्या हाइवे को बहराइच के पुराने टूलेन से जोड़ेगा। यह फ्लाईओवर नवीन मंडी और रेलवे क्रॉसिंग के निकट स्थित होगा, जिससे इस क्षेत्र में यातायात के दबाव में कमी आएगी। इसके अलावा, चैपुला से रामनगर तिराहे तक ट्रैफिक लोड कम होने की संभावना है, जिससे लोगों को यात्रा करते समय बेहतर अनुभव मिलेगा।