यूपी के इन जिलों में अगले 48 घंटे में बदलेगा मौसम, बढ़ जाएगी ठंड और होगी भारी बारिश
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उत्तर प्रदेश में मौसम एक बार फिर परिवर्तन के संकेत दे रहा है। आगामी 48 घंटों में राज्य के विभिन्न हिस्सों में गरज और चमक के साथ हल्की बारिश होने की संभावना जताई गई है। यह बदलाव बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में बने हल्के दबाव के इलाकों के वज़ह से हो रहा है।
इसलिए, प्रदेशवासियों को सलाह दी गई है कि वे अगले कुछ दिनों में मौसम के इस उतार-चढ़ाव के लिए तैयार रहें। मौसम में इस बदलाव के चलते कृषि और दैनिक जीवन पर भी असर पड़ सकता है, इसलिए सभी को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
मौसम से जुड़ी हालिया जानकारी के अनुसार, बारिश के संबंध में कोई विशेष संकेत जारी नहीं की गई है। 23 अक्टूबर को मौसम में कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन देखने को नहीं मिलेगा। लेकिन 24 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्रों के कई जिलों में गरज और चमक के साथ बारिश होने की संभावना जताई गई है। इसके बाद 25 अक्टूबर को भी बारिश की संभावनाएं बनी हुई हैं, हालांकि यह बारिश केवल हल्की बूंदाबांदी के रूप में होगी।
इस मौसम परिवर्तन के चलते किसानों और अन्य नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है, ताकि वे अपने कार्यों की योजना बना सकें। मौसम विभाग का कहना है कि यह बारिश फसलों के लिए लाभकारी हो सकती है, लेकिन इसके साथ ही लोगों को सावधानी बरतने की भी आवश्यकता है।
वाराणसी में स्थित बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के मौसम विशेषज्ञ प्रोफेसर मनोज कुमार श्रीवास्तव ने हाल ही में मौसम के बारे में जानकारी साझा की है। उन्होंने बताया कि "अगले दो दिनों में उत्तर प्रदेश के तापमान में कोई विशेष परिवर्तन नहीं होगा। हालांकि, इसके बाद हल्की बारिश की संभावना है, जो तापमान में गिरावट लाएगी। इस गिरावट के कारण न्यूनतम तापमान में भी कमी आएगी, जिससे ठंड का एहसास बढ़ेगा।"
प्रोफेसर श्रीवास्तव ने यह भी कहा कि "दिवाली के बाद ठंड में और वृद्धि देखने को मिलेगी। उस समय, रात के साथ-साथ दिन के तापमान में भी थोड़ी कमी आएगी।" इस मौसम परिवर्तन के चलते लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है, ताकि वे ठंड के मौसम के लिए उचित तैयारी कर सकें। मौसम विभाग की यह भविष्यवाणी किसानों और आम नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उनके दैनिक जीवन और कार्यों पर प्रभाव डाल सकती है।
IMD के ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में सबसे कम न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। यहां तापमान 17.8 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। इसके अलावा, नजीबाबाद में न्यूनतम तापमान 18.6 डिग्री सेल्सियस, मेरठ में 19.7 डिग्री सेल्सियस और आगरा में 20 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
वहीं, वाराणसी स्थित बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में दिन का सबसे ज्यादा तापमान 36.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। इस प्रकार, मौसम में यह बदलाव लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है, क्योंकि ठंडक का एहसास बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में तापमान में और गिरावट देखने को मिल सकती है, जिससे सर्दी का मौसम अधिक प्रभावी हो सकता है।