यूपी में गंगा एक्स्प्रेस-वे को लेकर अपडेट, 2 और 3 मई को होगा यह खास काम
.png)
शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेसवे पर 2 और 3 मई 2025 को भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों की आपातकालीन लैंडिंग का परीक्षण किया जाएगा. यह परीक्षण गंगा एक्सप्रेसवे पर बनाई गई 3.5 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी पर आयोजित होगा. जिसे विशेष रूप से लड़ाकू विमानों की आपातकालीन लैंडिंग के लिए तैयार किया गया है.
दो व तीन मई को उतरेंगे लड़ाकू विमान
इस हवाई पट्टी पर मिराज 2000. सुखोई.30. जगुआर और सी.17 जैसे विमान उतरने में सक्षम होंगे. यह परियोजना उत्तर प्रदेश सरकार की सुरक्षा और आपातकालीन प्रबंधन क्षमता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. और इस पर वाहन संचालन की शुरुआत होने की संभावना है। यह एक्सप्रेसवे 594 किलोमीटर लंबा है और मेरठ से प्रयागराज तक फैला है. जिससे यात्रा के समय में उल्लेखनीय कमी आएगी. शाहजहांपुर के जलालाबाद में गंगा एक्सप्रेसवे की नवनिर्मित हवाई पट्टी पर आगामी दो व तीन मई को सेना के लड़ाकू विमान उतरेंगे. पूर्वाभ्यास की तारीखें तय होने के साथ ही हवाई पट्टी क्षेत्र में पुलिस और प्रशासनिक हलचलें तेज हो गई हैं.
वायुसेना के अधिकारियों ने हवाई पट्टी का बारीकी से निरीक्षण किया था. उन्होंने सामरिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए वहां लड़ाकू विमानों को उतारने का अभ्यास कराने के लिए कई व्यवस्थाएं कराने के निर्देश दिए थे. इनमें हवाई पट्टी के आसपास के गांवों में किसी संदिग्ध व्यक्ति के आकर रुकने का अभियान चलाकर जांच कराने, छुट्टा पशुओं की घुसपैठ रोकने के लिए तारों की बाड़ लगाने, विमान उतारने के अभ्यास के दौरान पूरे क्षेत्र में कई स्तर की सुरक्षा व्यवस्था कराने आदि निर्देश शामिल हैं. इस परियोजना से न केवल यातायात में सुधार होगा, बल्कि यह क्षेत्र की सुरक्षा और आपातकालीन प्रतिक्रिया क्षमता को भी मजबूत करेगा.
Read Below Advertisement
शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेसवे पर तैयारियां तेज
उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री और वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने हाल ही में साइट का निरीक्षण किया है. अधिकारियों ने बताया कि हवाई पट्टी की मजबूती, चौड़ाई और लंबाई को लड़ाकू विमानों की लैंडिंग के लिए पूरी तरह से तैयार कर लिया गया है. इस परीक्षण का उद्देश्य भारत की रक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाना और आपातकालीन स्थितियों में लड़ाकू विमानों की त्वरित लैंडिंग की क्षमता को परखना है. युद्ध या प्राकृतिक आपदा की स्थिति में यह एक्सप्रेसवे रनवे के रूप में कार्य करेगा. इस ऐतिहासिक परीक्षण के लिए गंगा एक्सप्रेसवे पर 3.5 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी तैयार की गई है.
जिसे विशेष रूप से वायुसेना के विमानों की लैंडिंग के लिए डिजाइन किया गया है. इस हवाई पट्टी पर मिराज 2000. सुखोई.30. जगुआर और सी.17 ग्लोबमास्टर जैसे भारी विमानों की लैंडिंग कराई जाएगी. पांच दिन पहले एक्सप्रेसवे का बरेली से आए वायु सेना के अधिकारियों ने निरीक्षण किया था. उन्होंने जो दिशा-निर्देश दिए थे, उसके अनुरूप निर्माण कंपनी के अधिकारी हवाई पट्टी के पांच किलोमीटर के दायरे में जरूरी व्यवस्थाएं कराने में जुट गए हैं. चमरपुर कलां से खंडहर गांव के बीच पांच किमी लंबी हवाई पट्टी का निर्माण किया गया है. इसमें चमरपुर कलां, चमरपुर खुर्द, चढोकर, खूंटा नगला, दियुरा व पीरू गांव की जमीनें ली गई हैं.