UP पंचायत चुनाव 2025: आरक्षण, सीटें, नए नियम और बड़ी बदलाव की पूरी जानकारी
UP पंचायत चुनाव 2025: आरक्षण और बदलाव की पूरी जानकारी
1.png)
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां तेजी पकड़ रही हैं। पंचायती राज विभाग ने सबसे पहले ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन का कार्य पूरा कर लिया है। इस प्रक्रिया में कुल 504 ग्राम पंचायतों को घटाकर उनकी संख्या 57,695 कर दी गई है। अब चुनाव की अगली बड़ी प्रक्रिया है विभिन्न पदों के लिए आरक्षण तय करना, जिसमें ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य शामिल हैं।
सितंबर-अक्टूबर में शुरू होगी आरक्षण प्रक्रिया
सूत्रों के मुताबिक, आरक्षण की प्रक्रिया सितंबर या अक्टूबर से शुरू की जा सकती है। विभागीय अधिकारी अभी से ही इस दिशा में विचार-विमर्श कर रहे हैं। हालांकि पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए आरक्षण तय करने से पहले पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन जरूरी है, जो अभी तक नहीं हुआ है। इसके गठन में समय लग सकता है और गठन के बाद आयोग को भी रिपोर्ट तैयार करने में करीब तीन महीने लगने की संभावना है। ऐसे में अक्टूबर के आसपास ही आरक्षण प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है।
2011 की जनगणना बनेगी आधार
इस बार भी आरक्षण का निर्धारण पुरानी नियमावली और 2011 की जनगणना के आधार पर ही किया जाएगा। नई जनगणना के आंकड़े अब तक नहीं आने के कारण विभाग को पुराने आंकड़ों पर ही निर्भर रहना पड़ेगा।
बदलेगा आरक्षित सीटों का भूगोल
विभागीय सूत्रों के अनुसार, 2021 के पंचायत चुनाव की तुलना में इस बार आरक्षित सीटों का भूगोल बदलेगा। नई गणना के अनुसार,
27% सीटें ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित होंगी, 20.69% सीटें अनुसूचित जाति (SC) के लिए, और 0.56% सीटें अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित होंगी। इन आरक्षित सीटों में से 33% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की जाएंगी। यह आरक्षण संबंधित वर्ग की महिलाओं को दिया जाएगा।
वार्ड निर्धारण की प्रक्रिया जल्द
अब अगला कदम वार्डों के निर्धारण का है। जल्द ही इसके लिए आपत्तियां और सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे, ताकि वार्डों का गठन पारदर्शिता और जनसहभागिता के साथ हो सके। इस प्रक्रिया के बाद ही आरक्षण सूची का निर्धारण किया जाएगा।