UP हेल्थ अपग्रेड: 15 सीएचसी होंगे 30 बेड के मॉडर्न अस्पताल, मिलेगा फ्री इलाज

UP हेल्थ अपग्रेड: 15 सीएचसी होंगे 30 बेड के मॉडर्न अस्पताल, मिलेगा फ्री इलाज
Uttar Pradesh News

यूपी में राज्य सरकार ने 15 सीएचसी 30 बेड वाला आधुनिक अस्पताल निर्माण करवाने का फैसला लिया है जिसमें इन अस्पतालों को सुसज्जित करने के साथ-साथ वही पर्याप्त स्टाफ तथा दवाओ की व्यवस्था आवश्यक रूप से दी जाएगी अब इन सभी सीएचसी पर मरीजों का इलाज निशुल्क करवाने का फैसला राज्य सरकार ने लिया है.

प्रदेश में निर्माण होगा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र

उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ की सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में लगातार प्रयासरत है जिसमें अब पूरे प्रदेश में 15 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अब पीपीपी मॉडल के रूप में संवारा जाएगा. अब इन्हें शैय्यायुक्त एफआरयू के तौर पर विकसित किया जाना है अब सरकार उन्हें जैसा है जहां है की स्थिति में 30 साल के लिए निजी विकासकर्ताओं को देगी अब इन अस्पतालों को  सुसज्जित करने के साथ-साथ वहीं पर्याप्त स्टाफ तथा दवाओ की भी समुचित व्यवस्था की जाएगी अब इन सभी सीएचसी पर मरीजों का इलाज निशुल्क करवाया जाएगा.

उनके इलाज तथा जांच पर आने वाले खर्च की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार करेगी अब इससे जुड़े चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव को दिन मंगलवार को योगी कैबिनेट ने मंजूरी भी दे दी है. अब कडी में सरकार ओपीडी, जांच और आईपीडी खर्च उठाने के साथ-साथ ही अस्पताल संचालक के लिए धनराशि भी आवश्यक रूप से दी जाएगी अब इसके लिए बिडिंग प्रक्रिया भी अपनाई जाएगी. अब सरकार सीएचसी की भूमि तथा भवन निजी संस्था को सौंपेगी. लेकिन किसी भी सरकारी कर्मचारी वहां स्थानांतरण नहीं किया जाएगा. अब स्टाफ की व्यवस्था निजी विकासकर्ताओं ही करनी होगी.

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दवा और जांच की प्रक्रिया होगी निशुल्क

बिजली तथा पानी जैसी जरूरत सुविधाओं की आपूर्ति आसान दरों पर ही करवाई जाएगी मरीज को दी जाने वाली निशुल्क सेवाओं की मासिक प्रतिपूर्ति इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड के आधार पर करवा दी जाएगी जिसमें ओपीडी में सीजीएचएस तथा आईपीडी में प्रधानमंत्री जन आरोग्य आयुष्मान योजना की दर पर प्रतिपूर्ति की जाएगी. निजी विकासकर्ताओं को अपनी लागत से अस्पताल का आधुनिकरण भी करवाना होगा तथा दवाये राज्य औषधि सूची के हिसाब से उपलब्ध करनी होगी इसके लिए वहां एक फार्मेसी की व्यवस्था की जाएगी.

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जेनेरिक दवाओं की भी व्यवस्था करनी होगी 6 महीने के भीतर एनक्यूएएस तथा एनएबीएल प्रमाणन लेना अति आवश्यक होगा अब अस्पताल के संचालन में सभी मानकों का भी पालन करना होगा सरकारी विभागों के हिसाब से स्वीकृति प्राप्त करने में भी सरकार का सहयोग सहयोग भी करेगी तथा बिमा सीमा से अधिक भी खर्च होता है तो अतिरिक्त भुगतान सरकार की ओर से करवाया जाएगा प्रारंभ 3 सालों तक अगर आय तय सीमा से कम रहती है तो सरकार इसकी भरपाई भी करेगी दवाओ के लिए कोई अलग प्रतिपूर्ति नहीं दी जाएगी.

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शम्भूनाथ गुप्ता पिछले 5 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता में हैं। 'मीडिया दस्तक' और 'बस्ती चेतना' जैसे प्लेटफॉर्म पर न्यूज़ और वीडियो एडिटिंग टीम में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। न्यूज़ प्रोडक्शन और डिजिटल कंटेंट निर्माण में गहरा अनुभव रखते हैं। वर्तमान में वे 'भारतीय बस्ती' की उत्तर प्रदेश टीम में कार्यरत हैं, जहां वे राज्य से जुड़ी खबरों की गंभीर और सटीक कवरेज में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।