1 नवंबर से बदल जाएगी यूपी में बिजली व्यवस्था, उपभोक्ताओं को मिलेंगी ये 5 बड़ी सहूलियतें

नई बैठक और चर्चा
राज्य बिजली निगम के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने बीते मंगलवार को राजधानी के 4 मुख्य अभियंताओं के साथ इस नई व्यवस्था पर लंबी चर्चा की. बैठक में प्रबंध निदेशक पंकज कुमार भी मौजूद रहे. इस दौरान पहले से बने प्रस्ताव में कुछ परिवर्तन करने की सलाह दी गई जिससे उपभोक्ताओं को ज़्यादा लाभ मिले.
नई व्यवस्था कैसे कार्य करेगी?
अब तक अधिशासी अभियंता ही कनेक्शन देने और बिल बनाने दोनों की जिम्मेदारी संभालते थे. परंतु नई व्यवस्था में अधीक्षण अभियंता मुख्य जिम्मेदार होंगे. उनकी टीम में अधिशासी, सहायक और अवर अभियंता भी शामिल रहेंगे. उपभोक्ताओं की हर समस्या का अंतिम जवाब अधीक्षण अभियंता देंगे. सभी अधीक्षण अभियंता मुख्य अभियंता को रिपोर्ट करेंगे.

उपभोक्ताओं को होंगे लाभ
- किसी काम के लिए जेई व एसडीओ के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे.
- कनेक्शन लेना और बिल से जुड़ी शिकायत दर्ज कराना आसान हो जाएगा.
- मीटर बदलने व जांचने का काम निश्चित समय में होगा.
- 1912 नंबर पर की गई शिकायत का निस्तारण हर हाल में होगा.
- अगर उपभोक्ता का काम समय पर नहीं होता तो जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी.
अधिकारियों की जिम्मेदारियां
नई व्यवस्था में हर जोन में अलग-अलग कामों के लिए अधिकारी निश्चित रहेंगे:-
- अधीक्षण अभियंता (वाणिज्य) – नया कनेक्शन, मीटर लगाना-बदलना, बिल सुधार, वसूली, स्मार्ट मीटर और 1912 की शिकायतें.
- अधीक्षण अभियंता (तकनीकी) – निर्बाध आपूर्ति, फॉल्ट सुधार, ट्रांसफार्मर बदलना, उपकेंद्र शिकायतें.
- अधीक्षण अभियंता (परीक्षण) – ट्रांसफार्मर व उपकेंद्र की टेस्टिंग.
- अधीक्षण अभियंता (प्रोजेक्ट) – नए उपकेंद्र व बिजली लाइनों का निर्माण.
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शोभित पांडेय एक समर्पित और अनुभवशील पत्रकार हैं, जो बीते वर्षों से डिजिटल मीडिया और ग्राउंड रिपोर्टिंग के क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। खबरों की समझ, तथ्यों की सटीक जांच और प्रभावशाली प्रेज़ेंटेशन उनकी विशेष पहचान है। उन्होंने न्यूज़ राइटिंग, वीडियो स्क्रिप्टिंग और एडिटिंग में खुद को दक्ष साबित किया है। ग्रामीण मुद्दों से लेकर राज्य स्तरीय घटनाओं तक, हर खबर को ज़मीनी नजरिए से देखने और उसे निष्पक्षता के साथ प्रस्तुत करने में उनकी विशेष रुचि और क्षमता है।