एक ही रात में दो हत्याएं, उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में मचा हड़कंप

उत्तर प्रदेश का फतेहपुर जिला उस समय दहशत में आ गया जब 12 और 13 मई की रात को लगातार दो खौफनाक हत्याएं सामने आईं। रात के सन्नाटे में उठी कुछ चीखों ने न सिर्फ लोगों की नींद उड़ा दी, बल्कि पूरे जिले को हिला कर रख दिया। दो अलग-अलग जगहों पर हुई इन निर्मम हत्याओं ने आम जनजीवन को डर और सनसनी से भर दिया है।
पहली वारदात थरियाव थाना क्षेत्र के बिलंदा गांव की है, जहां एक मंदिर में पूजा-पाठ कर रहे 65 वर्षीय पुजारी कृष्ण गोविंद तिवारी की सिर पर ईंट से हमला कर बेरहमी से हत्या कर दी गई। यह घटना उत्तर प्रदेश के धार्मिक और ग्रामीण जीवन की शांति को झकझोर देने वाली है। कृष्ण गोविंद तिवारी पिछले 20 वर्षों से इसी बालाजी मंदिर में पूजा कर रहे थे और गांव के लोगों के बीच उनका गहरा सम्मान था। हमले के वक्त उनके साथ मौजूद 50 वर्षीय अवधेश प्रजापति भी गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

घटना की जानकारी मिलते ही जिले में हड़कंप मच गया। फतेहपुर के पुलिस अधीक्षक और भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा। फॉरेंसिक टीम ने भी सबूत जुटाने शुरू कर दिए। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी राजू पासवान को गिरफ्तार कर लिया है, जिसने पूछताछ में अपना अपराध भी स्वीकार किया। वारदात में प्रयुक्त ईंट को भी बरामद कर लिया गया है। मृतक पुजारी के बेटे सौरभ और निखिल की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर आगे की वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।
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इस दिल दहला देने वाली घटना के बाद आरोपी भतीजे फरार हो गए, लेकिन फतेहपुर पुलिस ने तेजी दिखाते हुए दोनों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया। मृतक का शव एंबुलेंस द्वारा मोर्चरी भेजा गया और आवश्यक धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अधीक्षक ने दोनों मामलों को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि फॉरेंसिक जांच और चश्मदीदों के बयानों के आधार पर कार्रवाई को आगे बढ़ाया जा रहा है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जैसे जिले में इस तरह की लगातार दो वारदातों ने लोगों को हिला कर रख दिया है। मंदिर जैसे शांत और पवित्र स्थान पर एक श्रद्धेय पुजारी की हत्या और घरेलू विवाद में एक चाचा की निर्मम हत्या, ये दोनों घटनाएं समाज की उस सच्चाई को उजागर करती हैं जो कहीं न कहीं भीतर ही भीतर सुलग रही है। ये घटनाएं प्रशासन के लिए भी एक चेतावनी हैं कि गांवों में अपराध पर लगाम कसने के लिए जमीनी स्तर पर निगरानी और सुरक्षा तंत्र को और मजबूत करने की जरूरत है।
इन दोनों मामलों में पुलिस की तेजी से हुई कार्रवाई ने भले ही आरोपियों को पकड़ लिया हो, लेकिन इससे जो डर और असुरक्षा का माहौल बना है, उसे मिटाने में समय लगेगा। उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है, और ऐसे में लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिलाना सरकार और प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी बनती है।