लखनऊ से इस रूट पर बनेगा तीन नए फ्लाइओवर, इस महीने से शुरू होगा निर्माण

उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश में स्थित कानपुर-लखनऊ नेशनल हाईवे पर दही चौकी, नवाबगंज और आशाखेड़ा में फ्लाईओवर के निर्माण की प्रक्रिया तेज हो गई है. परंतु इनको निर्मित कराने का कार्य शुरू होने में अभी 5 महीने का समय और लगेगा. इन पुलों की डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) मार्च में तैयार होकर अप्रैल में भेजी जा चुकी है.
मिट्टी के सैंपल की हुई टेस्टिंग
नवाबगंज और आशाखेड़ा में पुल निर्माण से पहले 2 बार मिट्टी का सैंपल टेस्ट कराया जा चुका है और दोनों बार रिपोर्ट संतोषजनक आई है. परियोजना निदेशक का कहना है कि अब डीपीआर मंजूर हो चुकी है और दिसंबर तक निर्माण की तैयारी पूरी कर ली जाएगी. इस बीच हाईवे पर ओवरले का कार्य जारी है.
जिले में बढ़ेगी पुलों की संख्या
जाजमऊ चौकी से लेकर सोहरामऊ बनी तक इस समय करीब 4 पुल मौजूद हैं. नए 3 फ्लाईओवर के निर्मित होने के बाद इनकी संख्या लगभग 6 हो जाएगी. एनएचएआई ने साल 2014 में नवीन मंडी के पास आरओबी का निर्माण करवाया था और गदनखेड़ा चौराहे पर 6 महीने पहले ही पुल बनकर तैयार हुआ है.
छोटे पुल का विस्तार
उन्नाव से लखनऊ जाने वाले रूट पर दही चौकी तिराहे पर केंद्रीय विद्यालय के सामने बना छोटा पुल अब बड़े फ्लाईओवर में परिवर्तित किया जाएगा. इसका विस्तार वेयर हाउस की तरफ जाने वाले रूट तक किया जाएगा. साथ ही मौजूदा पुल की मरम्मत भी की जाएगी.
यातायात पर नहीं होगा असर
दही तिराहे से उन्नाव-पुरवा मोहनलालगंज रूट की ओर जाने वाले वाहन फ्लाईओवर बनने के बाद आसानी से सर्विस रोड और अंडरपास से निकल सकेंगे. इस दौरान लखनऊ-कानपुर की तरफ जाने वाला मुख्य यातायात में कोई समस्या नहीं होगी.
भारी बजट से होगा काम
एनएचएआई का अनुमान है कि दही तिराहे पर करीब आधा किलोमीटर लंबे ज्वाइंट पुल को निर्मित कराने में करीब 30 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसके अलावा, नवाबगंज और आशाखेड़ा में निर्मित होने वाले दोनों फ्लाईओवरों पर 1 अरब 20 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. यह राशि डीपीआर में हुए परिवर्तन के अनुसार बढ़ या घट सकती है.
टेंडर प्रक्रिया जल्द होगी शुरू
परियोजना निदेशक ने बताया कि तीनों पुलों के लिए 150 करोड़ रुपये की डीपीआर सबमिट की जा चुकी है. अब एजेंसी चयन के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी और संभावना है कि नवंबर-दिसंबर 2025 से काम शुरू कर दिया जाएगा.